जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड दौरे पर कप्तानी की जिम्मेदारी नहीं, फिटनेस और भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया निर्णय
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फिटनेस संबंधी चिंताएँ: जसप्रीत बुमराह की पिछली चोटों, विशेषकर पीठ की समस्या, ने चयनकर्ताओं को उनकी फिटनेस को लेकर सतर्क कर दिया है। इसी कारण उन्हें कप्तानी जैसी बड़ी जिम्मेदारी से दूर रखा जा रहा है।
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लंबी अवधि की कप्तानी पर संदेह: चयन समिति बुमराह को टेस्ट क्रिकेट में दीर्घकालिक कप्तान के रूप में नहीं देखती है क्योंकि वह लगातार चोटों से जूझते रहे हैं।
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युवा नेतृत्व की ओर झुकाव: भविष्य को ध्यान में रखते हुए चयनकर्ता अब एक युवा खिलाड़ी को उपकप्तान की भूमिका में तैयार करना चाहते हैं ताकि आने वाले वर्षों में टीम को एक स्थिर नेतृत्व मिल सके।
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उपकप्तान की भूमिका: शुभमन गिल और ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों को उपकप्तानी की भूमिका के लिए संभावित दावेदार माना जा रहा है।
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वर्कलोड प्रबंधन: क्रिकेट विशेषज्ञों ने बार-बार बुमराह के वर्कलोड को लेकर चिंता जताई है। उन्हें केवल अहम मैचों के लिए पूरी तरह फिट रखना टीम की प्राथमिकता है।
मराह की कप्तानी का इतिहास:
जसप्रीत बुमराह ने 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम टेस्ट में कप्तानी की थी। यह एक आपातकालीन निर्णय था जब नियमित कप्तान उपलब्ध नहीं थे। हालांकि, उसके बाद उनकी पीठ की चोट ने उनकी कप्तानी की संभावनाओं को कमजोर कर दिया।
विशेषज्ञों की राय:
दीप दासगुप्ता: उनका मानना है कि बुमराह की फिटनेस और लगातार चोटें उन्हें दीर्घकालिक कप्तान के रूप में उपयुक्त नहीं बनाती हैं।
किरण मोरे: उन्होंने कहा कि बुमराह में सभी प्रारूपों की कप्तानी की क्षमता है, लेकिन उनकी फिटनेस को प्राथमिकता देना जरूरी है।
आगामी टेस्ट श्रृंखला:
भारत का इंग्लैंड दौरा जून के अंत से शुरू होगा, जिसमें पांच टेस्ट मैच खेले जाएंगे। चयनकर्ता चाहते हैं कि कप्तान और उपकप्तान सभी मैचों के लिए उपलब्ध रहें ताकि टीम में निरंतरता बनी रहे।
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