न्यूज़ डेस्क : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर बड़ा फैसला किया है। देश भर में लागू सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण का नियम अब जम्मू-कश्मीर में भी लागू होगा। इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने कई और अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या भी बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट में अब तीन अतिरिक्त जज होंगे यानी जजों की कुल संख्या 33 हो जाएगी। इसके अलावा रूस में तकनीकी संपर्क इकाई खोलने के फैसले को भीं मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर में 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण का प्रावधान लागू करने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि आर्थिक आधार पर नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान सामाजिक न्याय के लिए एक पहल थी, इसी प्रावधान को जम्मू-कश्मीर में भी लागू करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘चूंकि, जम्मू-कश्मीर की विधानसभा चल नहीं रही है और राज्यपाल शासन लागू है, इसीलिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी केंद्रीय कैबिनेट पर आ जाती है।’
जावड़ेकर ने कहा कि कश्मीर में एलओसी (नियंत्रण रेखा) के पास रहने वालों को आरक्षण का लाभ मिलता था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के निवासी इससे वंचित रह जाते थे। केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों को भी आरक्षण का फायदा मिल सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ी, अब 33 जज : केंद्रीय कैबिनेट ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगाई। इसके अनुसार अब सुप्रीम कोर्ट में 33 जज होंगे। अब तक सुप्रीम कोर्ट में 30 जज होते थे। बता दें कि कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि न्याय व्यवस्था को गति देने वाले संसाधनों की कमी कोर्ट के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है।
जावड़ेकर ने कहा कि एनडीए सरकार साल 2016 में उच्च न्यायालयों में जजों की संख्या में बढ़ोतरी की थी। उन्होंने कहा कि साल 2016 में देश के उच्च न्यायालयों में जजों की संख्या 906 थी जिसे केंद्र सरकार ने बढ़ाते हुए 1079 किया था। बता दें कि देश भर की अदालतें जजों की कमी से जूझ रही हैं।
रूस में बनेगी इसरो की तकनीकी संपर्क इकाई : केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने कहा, ‘हमने मॉस्को में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की एक तकनीकी संपर्क इकाई स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह इकाई रूस और पड़ोसी देशों में पारस्परिक तालमेल परिणामों के लिए अंतरिक्ष एजेंसियों / उद्योगों के साथ सहयोग करेगी।’ कैबिनेट ने इसरो और बोलिवियन अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष का अन्वेषण और इस्तेमाल को लेकर समझौता ज्ञापन को भी अनुमति दी।
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