3 और घोटालों की जांच में भी घिरे हैं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन

नई दिल्ली। सीबीआई दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ धनशोधन मामले के अलावा तीन और अन्य मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में बारापूला, मोहल्ला क्लीनिक और पीडब्ल्यूडी ठेके में की गई अनियमितताओं के मामले शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ बारापूला, मोहल्ला क्लीनिक और पीडब्ल्यूडी ठेके में अनियमितताओं के मामले चल रहे हैं। इन मामलों के अलावा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भी तीन सौ करोड़ रुपये के दवाई तथा एम्बुलेंस घोटाले की शुरुआती जांच में दिल्ली सचिवालय में छापेमारी कर चुकी है।

सीबीआई ने गत वर्ष दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ तीन मामले दर्ज कर चुकी है। इनमें सत्येंद्र जैन के अलावा उनके ओएसडी के तौर पर रहे वरिष्ठ रेजिटेंड डॉ. निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति मामला भी शामिल है।नई दिल्ली (ईएमएस)। सीबीआई दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ धनशोधन मामले के अलावा तीन और अन्य मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में बारापूला, मोहल्ला क्लीनिक और पीडब्ल्यूडी ठेके में की गई अनियमितताओं के मामले शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ बारापूला, मोहल्ला क्लीनिक और पीडब्ल्यूडी ठेके में अनियमितताओं के मामले चल रहे हैं। इन मामलों के अलावा दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा भी तीन सौ करोड़ रुपये के दवाई तथा एम्बुलेंस घोटाले की शुरुआती जांच में दिल्ली सचिवालय में छापेमारी कर चुकी है। सीबीआई ने गत वर्ष दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ तीन मामले दर्ज कर चुकी है। इनमें सत्येंद्र जैन के अलावा उनके ओएसडी के तौर पर रहे वरिष्ठ रेजिटेंड डॉ. निकुंज अग्रवाल की नियुक्ति मामला भी शामिल है।

सूत्रों के अनुसार मामले की तफ्तीश में खुलासा हुआ कि नियुक्ति को लेकर अस्पताल की तरफ से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया था और ना ही साक्षात्कार लिया था। इस संबंध में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग को शिकायत मिली थी कि चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के निदेशक अनूप मेहता तथा डॉ. निकुंज अग्रवाल को नियमों का उल्लघंन कर भर्ती किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इनमें एक मामला टॉक टू एके, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की पुत्री सौम्या जैन का मोहल्ला क्लीनिक नियुक्ति मामला, फीड बैक यूनिट तथा पीडब्यूडी ठेका मामले में प्रारभिंक जांच (पीई) के मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

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