25 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। भेंट आदि की प्राप्ति होगी। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में उन्नति के योग हैं। संतान की ओर से सुखद स्थिति बनेगी। प्रयास की मात्रा के अनुसार लाभ की अधिकता रहेगी। अपनी वस्तुएँ संभालकर रखें।

🐂वृष

नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता है। परिवार की समस्याओं की चिंता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ अधिकाधिक लेना चाहिए। नवीन उपलब्धियों की प्राप्ति संभव है। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।

👫मिथुन

वाणी पर नियंत्रण रखें। अप्रत्याशित बड़े खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है, जोखिम न लें। अजनबी व्यक्ति पर विश्वास न करें। उदर विकार के योग के कारण खान-पान पर संयम रखें। विवादों से दूर रहना चाहिए। आर्थिक प्रगति में रुकावट आ सकती है।

🦀कर्क

नए अनुबंधों का लाभ मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। पूछ-परख रहेगी। रुके कार्य बनेंगे। जोखिम न लें। वाणी पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवहार कुशलता एवं सहनशीलता के बल पर आने वाली बाधाओं का समाधान हो सकेगा। खानपान पर नियंत्रण रखें।

🐅सिंह

कोर्ट व कचहरी के काम निबटेंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। तंत्र-मंत्र में रुचि रहेगी। धनार्जन होगा। प्रमाद न करें। संतान के कार्यों से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी। नेतृत्व गुण की प्रधानता के कारण प्रशासन व नेतृत्व संबंधी कार्य सफल होंगे। शत्रुओं से सावधान रहें।

🙍‍♀️कन्या

मेहमानों का आवागमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना मिलेगी। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। जल्दबाजी न करें। जोखिम के कार्यों से दूर रहें। पराक्रम में वृद्धि होगी। परिवार में सहयोग का वातावरण रहेगा। अभिष्ट कार्य की सिद्धि के योग हैं। उलझनों से मुक्ति मिलेगी।

⚖️तुला

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। पारिवारिक जीवन में तनाव हो सकता है। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ के योग हैं। स्थायी संपत्ति क्रय करने के योग बनेंगे। प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भेंट होगी। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। दूसरों की जमानत न लें।

🦂वृश्चिक

व्यापार-व्यवसाय में सावधानी रखें। वास्तविकता को महत्व दें। प्रयासों में सफलता के योग कम हैं। परिवार में कलह-कलेश का माहौल रह सकता है। क्रोध पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दु:खद समाचार मिल सकता है। चिंता बनी रहेगी।

🏹धनु

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। आपके व्यवहार एवं कार्यकुशलता से अधिकारी वर्ग से सहयोग मिलेगा। संतान के कार्यों पर नजर रखें। पूँजी निवेश बढ़ेगा। प्रचार-प्रसार से दूर रहें।

🐊मकर

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। बेरोजगारी दूर होगी। धन की आवक बनी रहेगी। जोखिम व जमानत के कार्य न करें। लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रयत्न करें, सफलता मिलेगी। शुभ कार्यों में संलग्न होने से सुयश एवं सम्मान प्राप्त हो सकेगा। व्यापारिक निर्णय लेने में देर नहीं करें।

🍯कुंभ

मेहनत का फल मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शत्रु शांत रहेंगे। धनार्जन होगा। आज विशेष लाभ होने की संभावना है। बुद्धि एवं मनोबल से सुख-संपन्नता बढ़ेगी। व्यापार में कार्य का विस्तार होगा। सगे-संबंधी मिलेंगे।

🐟मीन

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। धनार्जन होगा। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। प्रमाद न करें। व्यापार-व्यवसाय में इच्छित लाभ की संभावना है। भाइयों की मदद मिलेगी। संपत्ति के लेनदेन में सावधानी रखें।

 पंचांगम्* 

*दिनांक:- 25/05/2025, रविवार*

त्रयोदशी, कृष्ण पक्ष,

ज्येष्ठ 

“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——– त्रयोदशी 15:50:34      तक 

पक्ष———————— कृष्ण

नक्षत्र——— अश्विनी 11:11:22

योग———- सौभाग्य 11:05:18

करण————– गर 05:37:01

करण———- वणिज 15:50:34

करण——- विष्टि भद्र 26:01:29

वार———————– रविवार

माह———————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि——————   मेष

सूर्य राशि——————  वृषभ

रितु———————— ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर)————– सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————- 2082 

गुजराती संवत————- 2081 

शक संवत—————— 1947 

कलि संवत—————– 5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————– 05:27:11

सूर्यास्त————– 19:05:25

दिन काल———— 13:38:13

रात्री काल————- 10:21:26

चंद्रास्त————– 17:17:44

चंद्रोदय—————- 28:15:56

लग्न—-   वृषभ 9°50′ , 39°50′

सूर्य नक्षत्र————— कृत्तिका

चन्द्र नक्षत्र—————- अश्विनी

नक्षत्र पाया——————- ताम्र 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

चो—- अश्विनी 05:51:58

ला—- अश्विनी 11:11:22

ली—- भरणी 16:29:59

लू—- भरणी 21:47:57

ले—- भरणी 27:05:26

    ग्रह गोचर   

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

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सूर्य=  वृषभ 09°49,       कृतिका   4       ए 

चन्द्र= मेष 09°30 ,          अश्विनी   3      चो 

बुध =मेष 03°52 ‘           कृतिका   3     उ 

शु क्र= मीन 24°05,        रेवती     3       च 

मंगल=कर्क 23°30 ‘   आश्लेषा’      2     डू 

गुरु=मिथुन  02°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 05°48 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) मीन 29°45 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व)कन्या 29°44  उ oफा o 1      टे

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*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 17:23 – 19:05 अशुभ

यम घंटा 12:16 – 13:59 अशुभ

गुली काल 15:41 – 17: 23अशुभ 

अभिजित 11:49 – 12:44 शुभ

दूर मुहूर्त 17:16 – 18:11 अशुभ

वर्ज्यम 07:39 – 09:04 अशुभ

प्रदोष 19:05 – 21:11       शुभ

🚩गंड मूल 05:27 – 11:11 अशुभ

💮चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:27 – 07:09 अशुभ

चर 07:09 – 08:52 शुभ

लाभ 08:52 – 10:34 शुभ

अमृत 10:34 – 12:16 शुभ

काल 12:16 – 13:59 अशुभ

शुभ 13:59 – 15:41 शुभ

रोग 15:41 – 17:23 अशुभ

उद्वेग 17:23 – 19:05 अशुभ

🚩चोघडिया, रात

शुभ 19:05 – 20:23 शुभ

अमृत 20:23 – 21:41 शुभ

चर 21:41 – 22:58 शुभ

रोग 22:58 – 24:16* अशुभ

काल 24:16* – 25:34* अशुभ

लाभ 25:34* – 26:52* शुभ

उद्वेग 26:52* – 28:09* अशुभ

शुभ 28:09* – 29:27* शुभ

💮होरा, दिन

सूर्य 05:27 – 06:35

शुक्र 06:35 – 07:44

बुध 07:44 – 08:52

चन्द्र 08:52 – 09:59

शनि 09:59 – 11:08

बृहस्पति 11:08 – 12:16

मंगल 12:16 – 13:24

सूर्य 13:24 – 14:33

शुक्र 14:33 – 15:41

बुध 15:41 – 16:49

चन्द्र 16:49 – 17:57

शनि 17:57 – 19:05

🚩होरा, रात

बृहस्पति 19:05 – 19:57

मंगल 19:57 – 20:49

सूर्य 20:49 – 21:41

शुक्र 21:41 – 22:33

बुध 22:33 – 23:24

चन्द्र 23:24 – 24:16

शनि 24:16* – 25:08

बृहस्पति 25:08* – 25:59

मंगल 25:59* – 26:52

सूर्य 26:52* – 27:43

शुक्र 27:43* – 28:35

बुध 28:35* – 29:27

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩*        

वृषभ   > 05:02 से  06:20     तक

मिथुन  > 06:20 से 09:10     तक

कर्क    > 09:10  से 11:24     तक

सिंह    > 11:24  से  13:40    तक

कन्या  > 13:40  से   15:56   तक

तुला   >  15:56  से  18:08    तक

वृश्चिक > 18:08 से  20:32    तक

धनु     > 20:32  से  22:42    तक

मकर   > 22:42 से  00:26     तक

कुम्भ   > 00:26  से  01:46    तक

मीन    > 01:46  से  03:06     तक

मेष     > 03:06  से  05:08     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 13 + 1 +  1 =  30 ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

  28 + 28 + 5 = 61 ÷ 7 =  5 शेष

ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

दोपहर 15:51 से रात्रि 26:01 तक 

स्वर्गलोक = शुभ कारक 

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

 *सर्वार्थ सिद्धि योग 11:11 तक 

*नौ तपा प्रारम्भ 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

स्वहस्तग्रथिता माला स्वहस्ताद घृष्टचन्दनम् ।

स्वहस्तलिखितं शक्रस्यापि श्रियं हरेत् ।।

।। चा o नी o।।

   आपको इन्द्र के समान वैभव प्राप्त होगा यदि आप..

अपने भगवान् के गले की माला अपने हाथो से बनाये.

अपने भगवान् के लिए चन्दन अपने हाथो से घिसे.

अपने हाथो से पवित्र ग्रंथो को लिखे.

*🚩 सुभाषितानि  🚩

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

अधिष्ठानं तथा कर्ता करणं च पृथग्विधम्‌ ।,

विविधाश्च पृथक्चेष्टा दैवं चैवात्र पञ्चमम्‌ ॥,

इस विषय में अर्थात कर्मों की सिद्धि में अधिष्ठान (जिसके आश्रय कर्म किए जाएँ, उसका नाम अधिष्ठान है) और कर्ता तथा भिन्न-भिन्न प्रकार के करण (जिन-जिन इंद्रियादिकों और साधनों द्वारा कर्म किए जाते हैं, उनका नाम करण है) एवं नाना प्रकार की अलग-अलग चेष्टाएँ और वैसे ही पाँचवाँ हेतु दैव (पूर्वकृत शुभाशुभ कर्मों के संस्कारों का नाम दैव है) है॥,14॥,

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