21 मई दैनिक राशिफल एवं आज का पंचांग

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🐏मेष

संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। संतान संबंधी चिंता कम होगी। स्वाभाविक सोच में बदलाव आएगा। रुका पैसा प्रयास करने पर प्राप्त होने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा।

🐂वृष

मेहनत का फल पूरा-पूरा मिलेगा। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल रहेंगे। प्रमाद न करें। आर्थिक स्थिति संतोषजनक रहेगी। अपनी योजनाओं में परिवर्तन करना होगा। प्रतिस्पर्धा, शत्रुता से परेशानी संभव है। अनसोचे कामों में हाथ नहीं डालें।

👫मिथुन

मेहमानों का आगमन होगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धनार्जन होगा। नियमित कर्ज, लेनदेन में कटौती करना होगी। योजनाओं पर चर्चा, कार्य के प्रति लगन रह पाएगी। नौकरी, राज्यपक्ष में स्थायित्व की बात आएगी।

🦀कर्क

यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल लाभ देंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम न लें। बड़े व्यक्तियों से भेंट का लाभ मिलेगा। कानूनी कार्यों में समय सीमा का ध्यान रखें। व्यवहारकुशलता का लाभ मिलेगा। व्यावसायिक श्रेष्ठता रहेगी।

🐅सिंह

कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। तंत्र-मंत्र में रुचि बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। शुभ समय। यात्रा में अपनी वस्तुओं को संभालकर रखें। पैतृक संपत्ति के क्षेत्रों में उन्नति होगी। नौकरी में संयत व्यवहार आवश्यक है।

🙍‍♀️कन्या

रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। स्वादिष्ट भोजन भोजन का आनंद मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। मनोविनोद के अवसर मिलेंगे। भाई-बहनों से संबंध प्रगाढ़ होंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए। रचनात्मक काम होंगे।

⚖️तुला

व्यर्थ दौड़धूप रहेगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। बुरी खबर मिल सकती है। चिंता रहेगी। मानसिक शांति रहेगी। व्यापारिक विवादों का आसान हल निकाल सकेंगे। वाणी पर संयम रखना चाहिए। अधीनस्थों से मदद मिलेगी

🦂वृश्चिक

आ‍कस्मिक खर्च अधिक होगा। तनाव रहेगा। थकान रहेगी। जोखिम न लें। धैर्य रखें। माता के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। संघर्ष, भागदौड़ के बाद रोजगार में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। परिवार, समाज में आपके कार्यों को महत्व दिया जाएगा

🏹धनु

योजना फलीभूत होगी। कार्य की प्रशंसा होगी। आय में वृद्धि होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रमाद न करें। संतान, भाइयों से लाभ होगा। घरेलू उपयोग की वस्तुएँ क्रय करेंगे। सामाजिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाएँगे। व्यापारिक योजनाओं को गोपनीय बनाकर रखें।

🐊मकर

राजकीय मिलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रेम प्रस्ताव मिल सकता है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। सामान्य प्रतिष्ठा, सम्मान से उत्साहित रहेंगे। खर्चों में कमी का प्रयास करना होगा। व्यापार-व्यवसाय में विवेक से निर्णय लेने पर आशानुकूल लाभ के योग हैं।

 🍯कुंभ

यात्रा, निवेश व नौकरी मनोनुकूल लाभ देंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम न लें। जल्दबाजी न करें। लेन-देन में सावधानी रखें। उच्चाधिकारियों से सम्मान एवं महत्व प्राप्त हो सकेगा। रुके हुए धन की प्राप्ति होगी। पूँजी निवेश लाभदायी रहेगा।

🐟मीन

चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कुसंगति से बचें। थकान रहेगी। परिवार में आर्थिक समस्या को लेकर विचार-विमर्श होगा। दूसरों से अपमानजनक व्यवहार न करें। कार्यक्षेत्र में इच्छित सफलता व संतोष रहेगा।

          

 🌺 *श्री राम जानकी पंचांगम्* 🌺

*दिनांक:- 21/05/2025, बुधवार*

नवमी, कृष्ण पक्ष, 

ज्येष्ठ 

“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– नवमी 27:21:21       तक 

पक्ष———————— कृष्ण

नक्षत्र——– शतभिषा 18:57:09

योग———— वैधृति 24:33:32

करण———– तैतुल 16:12:43

करण————– गर 27:21:21

वार———————– बुधवार

माह———————— ज्येष्ठ

चन्द्र राशि—————–   कुम्भ

सूर्य राशि——————-  वृषभ

रितु———————— ग्रीष्म

आयन—————— उत्तरायण

संवत्सर—————– विश्वावसु

संवत्सर (उत्तर) —————सिद्धार्थी

विक्रम संवत—————- 2082 

गुजराती संवत————– 2081 

शक संवत—————— 1947 

कलि संवत—————– 5126

वृन्दावन 

सूर्योदय————– 05:28:43

सूर्यास्त————— 19:03:13

दिन काल———— 13:34:29

रात्री काल———— 10:25:05

चंद्रास्त————– 12:54:54

चंद्रोदय—————- 25:48:46

लग्न—- वृषभ 5°59′ , 35°59′

सूर्य नक्षत्र————— कृत्तिका

चन्द्र नक्षत्र————– शतभिषा 

नक्षत्र पाया——————- ताम्र 

*🚩💮🚩  पद, चरण  🚩💮🚩*

सा—- शतभिषा 07:18:50

सी—- शतभिषा 13:09:09

सू—- शतभिषा 18:57:09

से—- पूर्वा भाद्रपदा 24:42:51

*💮🚩💮    ग्रह गोचर    💮🚩💮*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

============================

सूर्य=  वृषभ 05°49,       कृतिका   3       उ 

चन्द्र= कुम्भ 12°30 ,       शतभिषा  2    सा 

बुध =मेष 25°52 ‘           भरणी   4     लो 

शु क्र= मीन 20°05,        रेवती     2      दो 

मंगल=कर्क 21°30 ‘   आश्लेषा’      2     डू 

गुरु=मिथुन  01°30   मृगशिरा,      3      का 

शनि=मीन 05°88 ‘    उ o भा o  , 1       दू 

राहू=(व) मीन 29°57 पू o भा o,     3    दा 

केतु= (व)कन्या 29°57  उ oफा o 1      टे

============================

*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 🚩💮🚩*

राहू काल 12:16 – 13:58 अशुभ

यम घंटा 07:11 – 08:52 अशुभ

गुली काल 10:34 – 12: 16अशुभ 

अभिजित 11:49 – 12:43 अशुभ

दूर मुहूर्त 11:49 – 12:43 अशुभ

वर्ज्यम 25:06* – 26:38* अशुभ

प्रदोष 19:03 – 21:09       शुभ

🚩पंचक ² अहोरात्र          अशुभ

💮चोघडिया, दिन

लाभ 05:29 – 07:11 शुभ

अमृत 07:11 – 08:52 शुभ

काल 08:52 – 10:34 अशुभ

शुभ 10:34 – 12:16 शुभ

रोग 12:16 – 13:58 अशुभ

उद्वेग 13:58 – 15:40 अशुभ

चर 15:40 – 17:21 शुभ

लाभ 17:21 – 19:03 शुभ

🚩चोघडिया, रात

उद्वेग 19:03 – 20:21 अशुभ

शुभ 20:21 – 21:39 शुभ

अमृत 21:39 – 22:58 शुभ

चर 22:58 – 24:16* शुभ

रोग 24:16* – 25:34* अशुभ

काल 25:34* – 26:52* अशुभ

लाभ 26:52* – 28:10* शुभ

उद्वेग 28:10* – 29:28* अशुभ

 

💮होरा, दिन

बुध 05:29 – 06:37

चन्द्र 06:37 – 07:44

शनि 07:44 – 08:52

बृहस्पति 08:52 – 10:00

मंगल 10:00 – 11:08

सूर्य 11:08 – 12:16

शुक्र 12:16 – 13:24

बुध 13:24 – 14:32

चन्द्र 14:32 – 15:40

शनि 15:40 – 16:47

बृहस्पति 16:47 – 17:55

मंगल 17:55 – 19:03

🚩होरा, रात

सूर्य 19:03 – 19:55

शुक्र 19:55 – 20:47

बुध 20:47 – 21:39

चन्द्र 21:39 – 22:32

शनि 22:32 – 23:24

बृहस्पति 23:24 – 24:16

मंगल 24:16* – 25:08

सूर्य 25:08* – 25:59

शुक्र 25:59* – 26:52

बुध 26:52* – 27:44

चन्द्र 27:44* – 28:36

शनि 28:36* – 29:28

*🚩उदयलग्न प्रवेशकाल  🚩*        

वृषभ   > 05:18 से  06:36   तक

मिथुन  > 06:36 से 09:26     तक

कर्क    > 09:26  से 11:40     तक

सिंह    > 11:40  से  13:56    तक

कन्या  > 13:56  से   16:12   तक

तुला   >  16:12  से  18:24    तक

वृश्चिक > 18:24 से  20:48    तक

धनु     > 20:48  से  22:58    तक

मकर   > 22:58 से  00:42     तक

कुम्भ   > 00:42  से  02:02    तक

मीन    > 02:02  से  03:20     तक

मेष     > 03:20  से  05:24     तक

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*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*💮दिशा शूल ज्ञान————उत्तर*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*🚩  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 15 + 9 + 4 +  1 = 29  ÷ 4 = 1 शेष

 पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

*💮    शिव वास एवं फल -:*

 24 + 24 + 5 = 53 ÷ 7 =  4 शेष

सभायां = संताप कारक

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*💮🚩    विशेष जानकारी   🚩💮*

*आतंकवाद विरोध दिवस 

*विश्व संस्कृति  विविधता दिवस 

*💮🚩💮   शुभ विचार   💮🚩💮*

अर्थाधीताश्चयै र्वेदास्तथा शूद्रान्न भोजिनः ।

ते द्विजाः किं करिष्यन्ति निर्विषा इव पन्नगाः ।।

।। चा o नी o।।

  जिन्होंने वेदों का अध्ययन पैसा कमाने के लिए किया और जो नीच काम करने वाले लोगो का दिया हुआ अन्न खाते है उनके पास कौनसी शक्ति हो सकती है. वो ऐसे भुजंगो के समान है जो दंश नहीं कर सकते

*🚩💮🚩  सुभाषितानि  🚩💮🚩*

गीता -: मोक्षसंन्यासयोग:- अo-18

कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेअर्जुन ।,

सङ्‍गं त्यक्त्वा फलं चैव स त्यागः सात्त्विको मतः ॥,

हे अर्जुन! जो शास्त्रविहित कर्म करना कर्तव्य है- इसी भाव से आसक्ति और फल का त्याग करके किया जाता है- वही सात्त्विक त्याग माना गया है॥,9॥,

*💮🚩   दैनिक राशिफल   🚩💮*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏 

 आचार्य पं. अशोक मिश्रा मुंबई

        मो.9870190475

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