भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए 10 दिन का लॉकडाउन लागू

न्यूज़ डेस्क : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए फिर से लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया है। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि भोपाल में 24 जुलाई की रात आठ बजे से लॉकडाउन की शुरुआत होगी जो 10 दिन तक लागू रहेगा। 

 

 

इस संबंध में नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान शहर में मेडिकल स्टोर, दूध की दुकानें और सरकारी राशन की दुकानें खुली रहेंगी। राशन की दुकानों को निर्देश दिया गया है कि वह 23 और 24 तारीख को दो दिन में राशन वितरित कर दें।

 

इस दौरान भोपाल आना और वहां से जाना दोनों पर प्रतिबंध रहेगा। इस 10 दिन के लॉकडाउन के दौरान यात्रा करने के लिए पहले की तरह ई-पास की व्यवस्था जारी की जाएगी। मिश्रा ने सभी से आग्रह किया है कि लोग 10 दिन का राशन लेकर रख लें। 

 

 

रायसेन जिले की जेल में 64 कैदी पॉजिटिव

कोरोना वायरस का कहर अब जेलों में बंद कैदियों को भी नहीं छो़ड़ रहा है। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले की एक जेल में 64 कैदियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन ने जेलर को निलंबित कर दिया है। राज्य के जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी है।

 

गृहमंत्री ने जेलर को जेल में कोरोना के मामले बढ़ाने को लेकर जिम्मेदार पाया है। गृहमंत्री ने बताया कि जेल महानिदेशक को इसके बारे में सूचना देकर जेलर को तुरंत निलंबित करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि 40 कैदियों (कोरोना मरीज) को विदिशा मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया है और बचे कैदियों को रायसेन के जेल में ही रखा गया है। 

 

 

अब हर नए कैदी की होगी कोरोना जांच

गृहमंत्री ने बताया कि राज्य में ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि जैसे ही कोई अपराधी या कैदी जेल में आएगा तो उसका पहले कोरोना टेस्ट होगा और संस्थागत तरीके से क्वारंटीन कर उसे जेल में रखा जाएगा। वहीं जेल के एक अधिकारी ने बताया कि भीड़भाड़ वाले उप-जेल में 40 क्षमता वाले सेल में करीब 80 कैदियों को रखा गया है।

 

यही वजह थी जेल में सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन नहीं किया गया और कोरोना का टेस्ट भी नहीं किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा ने बताया कि हाल ही में उप-जेल में चार नए कैदियों को रखा गया था, जो कोरोना पॉजिटिव थे और इनसे ही बाकी 64 कैदियों को कोरोना हुआ।

 

 

नौ हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ गया था

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक मध्यप्रदेश की 131 जेलों में 155 फीसदी कैदियों का अतिरिक्त भार था। पुलिस महानिदेशक संजय चौधरी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए जेल में से भी़ड़ कम करने के लिए नौ हजार कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया।

 

पैरोल पर कैदियों को छोड़ने के बाद भी 28,500 कैदियों की क्षमता रखने वाली जेल में 36,000 कैदी हैं। संजय चौधरी ने बताया कि जेल में आने वाले कैदी को पहले 14 दिन के लिए क्वारंटीन किया जाता है, जो पूरा होने के बाद अन्य कैदियों के साथ रहने की मंजूरी दी जाती है। इसके अलाव कैदियों के रिश्तेदारों को मिलने की भी अनुमित नहीं है ताकि भीड़ ना बढ़े। 

 

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