वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। गृहिणियां विशेष सावधानी रखें। रसोई में चोट लग सकती है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

अविवाहितों के लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। घरेलू कार्य समय पर होंगे। सुख-शांति बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।

स्वास्थ्य का ध्यान रखें। शत्रुता में वृद्धि हो सकती है। भूमि व भवन के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बड़ा लाभ के योग हैं। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी न करें।

धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।

पुराने शत्रु सक्रिय रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है, धैर्य रखें। शारीरिक कष्ट के योग हैं। लापरवाही न करें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय-व्यापार लाभदायक रहेगा।

परिवार के छोटे सदस्यों के अध्ययन तथा स्वास्थ्य संबंधी चिंता रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लापरवाही न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। निवेश में विवेक का प्रयोग करें। धनार्जन होगा।

थकान महसूस होगी। शारीरिक आराम की आवश्यकता रहेगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। जल्दबाजी न करें। धनागम होगा।

शरीर साथ नहीं देगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। उत्साह बढ़ेगा। कार्य की बाधा दूर होकर स्थिति लाभप्रद रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। प्रमाद न करें।

प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में अधिकारी की अपेक्षाएं बढ़ेगी। तनाव रहेगा। कुसंगति से हानि होगी। दूसरों के कार्य की जवाबदारी न लें। व्यवसाय ठीक चलेगा।

कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास मनोनुकूल रहेंगे। अपनी देनदारी समय पर चुका पाएंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होगी। योजना में परिवर्तन हो सकता है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबारी अनुबंध होंगे।

अनहोनी की आशंका रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।


दिनांक:- 11/05/2025, रविवार
चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष,
वैशाख
तिथि———- चतुर्दशी 20:01:20 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———- स्वाति 30:16:15
योग———- व्यतिपत 28:59:35
करण————- गर 06:46:01
करण———– वणिज 20:01:20
वार———————- रविवार
माह———————- वैशाख
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि—————— मेष
रितु———————— ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर—————- विश्वावसु
संवत्सर (उत्तर)————- सिद्धार्थी
विक्रम संवत————— 2082
गुजराती संवत————- 2081
शक संवत——————1947
वृन्दावन
कलि संवत—————- 5126
सूर्योदय————–05:34:01
सूर्यास्त————— 18:57:28
दिन काल————13:23:26
रात्री काल———— 10:35:55
चंद्रास्त————–05:53:13
चंद्रोदय—————- 17:57:13
लग्न—- मेष 26°21′ , 26°21′
सूर्य नक्षत्र—————–भरणी
चन्द्र नक्षत्र—————— स्वाति
नक्षत्र पाया—————— रजत
पद, चरण
रू—- स्वाति 10:00:25
रे—- स्वाति 16:46:12
रो—- स्वाति 23:31:30
ग्रह गोचर
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
============================
सूर्य= मेष 26°40, भरणी 4 लो
चन्द्र= तुला 06°30 , स्वाति 1 रू
बुध =मेष 06°52 ‘ अश्वनी 2 चे
शु क्र= मीन 12°05, उ o फाo’ 3 झ
मंगल=कर्क 16°30 ‘ पुष्य ‘ 4 ड
गुरु=वृषभ 29°30 मृगशिरा, 2 वो
शनि=मीन 04°88 ‘ उ o भा o , 1 दू
राहू=(व) मीन 00°25 पू o भा o, 4 दी
केतु= (व)कन्या 00°25 उ oफा o 2 टो
============================
शुभाशुभ मुहूर्त
राहू काल 17:17 – 18:57 अशुभ
यम घंटा 12:16 – 13:56 अशुभ
गुली काल 15:37 – 17: 17अशुभ
अभिजित 11:49 – 12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 17:10 – 18:04 अशुभ
वर्ज्यम 09:33 – 11:22 अशुभ
प्रदोष 18:57 – 21:06. शुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 05:34 – 07:14 अशुभ
चर 07:14 – 08:55 शुभ
लाभ 08:55 – 10:35 शुभ
अमृत 10:35 – 12:16 शुभ
काल 12:16 – 13:56 अशुभ
शुभ 13:56 – 15:37 शुभ
रोग 15:37 – 17:17 अशुभ
उद्वेग 17:17 – 18:57 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 18:57 – 20:17। शुभ
अमृत 20:17 – 21:36 शुभ
चर 21:36 – 22:56 शुभ
रोग 22:56 – 24:15* अशुभ
काल 24:15* – 25:35* अशुभ
लाभ 25:35* – 26:54* शुभ
उद्वेग 26:54* – 28:14* अशुभ
शुभ 28:14* – 29:33* शुभ
होरा, दिन
सूर्य 05:34 – 06:41
शुक्र 06:41 – 07:48
बुध 07:48 – 08:55
चन्द्र 08:55 – 10:02
शनि 10:02 – 11:09
बृहस्पति 11:09 – 12:16
मंगल 12:16 – 13:23
सूर्य 13:23 – 14:30
शुक्र 14:30 – 15:37
बुध 15:37 – 16:44
चन्द्र 16:44 – 17:51
शनि 17:51 – 18:57
होरा, रात
बृहस्पति 18:57 – 19:50
मंगल 19:50 – 20:43
सूर्य 20:43 – 21:36
शुक्र 21:36 – 22:29
बुध 22:29 – 23:22
चन्द्र 23:22 – 24:15
शनि 24:15* – 25:08
बृहस्पति 25:08* – 26:01
मंगल 26:01* – 26:54
सूर्य 26:54* – 27:47
शुक्र 27:47* – 28:40
बुध 28:40* – 29:33
उदयलग्न प्रवेशकाल
मेष > 04:08 से 05:40 तक
वृषभ > 05:40 से 07:26 तक
मिथुन > 07:26 से 10:06 तक
कर्क > 10:06 से 12:20 तक
सिंह > 12:20 से 14:36 तक
कन्या > 14:36 से 16:52 तक
तुला > 16:52 से 19:04 तक
वृश्चिक > 19:04 से 21:32 तक
धनु > 21:32 से 23:44 तक
मकर > 23:44 से 01:22 तक
कुम्भ > 01:22 से 02:42 तक
मीन > 02:42 से 04:04 तक
=======================
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौंजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
विशेष जानकारी
श्री नृसिंह जयंती
मातृ दिवस
श्री आद्यशंकराचार्य कैलाश गमन
छिन्नमस्ता जयंती
शुभ विचार
विद्यार्थी सेवकः पान्थः क्षुधार्तो भयकातरः ।
भाण्डारी प्रतिहारी च सप्त सुप्तान् प्रबोधयेत् ।।
।। चा o नी o।।
इन सातो को जगा दे यदि ये सो जाए…
१. विद्यार्थी
२. सेवक
३. पथिक
४. भूखा आदमी
५. डरा हुआ आदमी
६. खजाने का रक्षक
७. खजांची
सुभाषितानि
गीता -:श्रद्धात्रयविभागयोग :- अo-17
यज्ञे तपसि दाने च स्थितिः सदिति चोच्यते।,
कर्म चैव तदर्थीयं सदित्यवाभिधीयते॥,
तथा यज्ञ, तप और दान में जो स्थिति है, वह भी ‘सत्’ इस प्रकार कही जाती है और उस परमात्मा के लिए किया हुआ कर्म निश्चयपूर्वक सत्-ऐसे कहा जाता है॥,27॥,
आचार्य अशोक मिश्रा मुंबई
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