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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम को घोषित हुए सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी पुरानी हरकत दोहराते हुए जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में गोलीबारी कर दी। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में मिली करारी शिकस्त के बाद यह पाकिस्तान की बौखलाहट मानी जा रही है। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में आक्रामक रुख अपनाते हुए सीमाओं पर पूरी सतर्कता बरती है।
सीजफायर का उल्लंघन सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों में देखा गया, जहां रिहायशी इलाकों के पास गोलीबारी की गई। इसके साथ ही राजस्थान के श्रीगंगानगर और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भी पाकिस्तानी सैनिकों ने छोटे हथियारों से फायरिंग की। हालाँकि भारतीय सेना ने समय रहते जवाबी कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में लिया।
अमृतसर में जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। BSF और सेना के उच्च अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं। सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा बलों की पेट्रोलिंग तेज़ कर दी गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान सीजफायर की आड़ में अपने आतंकी नेटवर्क को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। ‘सिंधु ब्लू प्रिंट’ जैसे ऑपरेशन से बौखलाया पाकिस्तान अब अस्थिरता फैलाने के लिए बार-बार सीजफायर उल्लंघन कर रहा है।
भारत सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रक्षा सूत्रों का कहना है कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया, तो भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान की कथनी और करनी में यह अंतर कभी खत्म होगा? और भारत को कब तक शांति की पहल का एकतरफा बोझ उठाना पड़ेगा?
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