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समग्र भारत न्यूज़:
मई 3, 2025 ,तिरुवनंतपुरम: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई को केरल के तिरुवनंतपुरम में बने विझिनजाम डीप-वाटर सी पोर्ट का उद्घाटन किया। करीब 8,800 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पोर्ट को देश का पहला समर्पित कंटेनर ट्रांसशिपमेंट पोर्ट बताया जा रहा है। इसका निर्माण गौतम अडानी के ग्रुप द्वारा किया गया है।
इस उद्घाटन कार्यक्रम में खास बात ये रही कि प्रधानमंत्री के साथ मंच पर विपक्षी गठबंधन INDI के दो बड़े नेता भी मौजूद थे—केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और कांग्रेस के एक सांसद। विजयन ने मंच पर प्रधानमंत्री का हाथ जोड़कर स्वागत किया, जबकि कांग्रेस सांसद ने उनसे हाथ मिलाया। इस दृश्य ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा को जन्म दे दिया।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, “एक तरफ अपार संभावनाओं से भरा विशाल समुद्र है, दूसरी तरफ प्रकृति की सुंदरता इसकी भव्यता में चार चांद लगा रही है। यह पोर्ट अब एक नए युग के विकास का प्रतीक बन गया है।” उन्होंने आगे बताया कि आने वाले वर्षों में इस पोर्ट की ट्रांसशिपमेंट क्षमता तीन गुना तक बढ़ जाएगी और दुनिया के सबसे बड़े मालवाहक जहाज यहां आ सकेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि पहले भारत के 75% ट्रांसशिपमेंट कार्य विदेशों में होते थे, लेकिन अब यह पोर्ट केरल को आर्थिक रूप से नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
वहीं, इस कार्यक्रम में राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। मंच से बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी नेताओं की उपस्थिति पर व्यंग्य करते हुए कहा, “पिनाराई विजयन जी तो INDI अलायंस के मजबूत स्तंभ हैं। यहां कांग्रेस के सांसद भी बैठे हैं।” इसके बाद मुस्कराते हुए उन्होंने कहा, “आज का इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा। और मैसेज चला गया है, जहां जाना था।” इस टिप्पणी पर मंच और जनता दोनों ओर से हंसी और तालियों की गूंज सुनाई दी। कार्यक्रम का यह पल जहां विकास की एक नई इबारत लिख रहा था, वहीं राजनीतिक मंच पर संदेशों की गूंज भी साफ सुनाई दी।
विझिनजाम पोर्ट का उद्घाटन न केवल भारत के समुद्री व्यापार में क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह भाजपा की विकासोन्मुख नीति का प्रमाण भी है। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में कांग्रेस सांसद और INDI गठबंधन के प्रमुख नेता पिनाराई विजयन की भागीदारी यह संकेत देती है कि भाजपा की विकास योजनाएं राजनीतिक सीमाओं से परे प्रभाव डाल रही हैं। यह सवाल अब उठना स्वाभाविक है—क्या विकास की इस राह पर कांग्रेस के कुछ चेहरे भविष्य में भाजपा के साथ सहयोग की संभावनाएं तलाश सकते हैं? आने वाला समय देश के राजनीतिक समीकरणों में नई दिशा ला सकता है?
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