राहुल गांधी की बिहार यात्रा से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, 17 नेता बीजेपी में शामिल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा 

पटना 13 मई :कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रस्तावित बिहार यात्रा से कुछ दिन पहले पार्टी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कटिहार जिले से कांग्रेस के 17 प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है।

यह राजनीतिक हलचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छह बार के सांसद तारिक अनवर पर गंभीर आरोपों के बीच सामने आई है, जिससे न केवल पार्टी के भीतर दरारें गहरी हुई हैं बल्कि बिहार में कांग्रेस की ताकत पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

इस विद्रोह की अगुवाई कांग्रेस से संबद्ध मजदूर संगठन आईएनटीयूसी (INTUC) के अध्यक्ष विकास सिंह ने की। भाजपा में शामिल होते हुए उन्होंने तारिक अनवर पर “सवर्ण विरोधी मानसिकता” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

विकास सिंह ने भाजपा के बिहार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में कहा, “यह तो सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में सैकड़ों, हजारों कार्यकर्ता भाजपा में शामिल होने को तैयार हैं।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 17 प्रभावशाली सवर्ण नेताओं का भाजपा में शामिल होना तारिक अनवर के कथित पक्षपातपूर्ण रवैये और कार्यशैली के कारण उपजा असंतोष दर्शाता है।

उनका आरोप है कि अनवर की कार्यशैली ने कटिहार के एक बड़े सवर्ण समर्थक वर्ग को अलग-थलग कर दिया है — एक ऐसा वर्ग जो वहां की चुनावी राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है।

नेताओं का यह सामूहिक पलायन और सवर्ण समुदाय के भीतर पनप रही नाराजगी उस समय सामने आई है जब कांग्रेस पहले से ही इंडिया (INDIA) गठबंधन में अंदरूनी कलह से जूझ रही है।

यह घटनाक्रम तारिक अनवर के परंपरागत जनाधार को नुकसान पहुँचा सकता है और उनकी छवि को विधानसभा चुनावों से पहले धूमिल कर सकता है।

कटिहार, जिसे अब तक तारिक अनवर के नेतृत्व में कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, अब राजनीतिक रूप से अस्थिर नजर आने लगा है।

क्षेत्र में प्रभावशाली भूमिका निभाने वाला सवर्ण समुदाय अब कांग्रेस से दूरी बना सकता है — यह पार्टी के लिए गंभीर चुनावी संकट बन सकता है यदि समय रहते इसे सुलझाया नहीं गया।

हालांकि, तारिक अनवर ने अभी तक इन आरोपों पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन यह घटनाक्रम उनके नेतृत्व के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। बिहार से कांग्रेस के एक राष्ट्रीय चेहरे के रूप में उनकी विश्वसनीयता और जनसंपर्क कौशल पर अब सवाल उठने लगे हैं।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

Comments are closed.