युद्धभूमि में हार, प्रचार में जीत की कोशिश: पाकिस्तान का झूठ का खेल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

 

           आलोक लाहड़

 भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं, लेकिन हाल के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को ऐसी मात दी कि वह युद्धभूमि में तो हारा ही, अब अपने मीडिया और सोशल मीडिया पर झूठ की नई जंग छेड़ रहा है। 6-7 मई 2025 को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पीओके और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर 100 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया। इस करारी शिकस्त से बौखलाए पाकिस्तान ने अपने समाचार पत्रों, टीवी चैनलों और फेसबुक, टिकटॉक जैसे मंचों पर मनगढ़ंत कहानियाँ गढ़नी शुरू कर दीं। भारतीय जेट्स को मार गिराने, सैन्य ठिकानों को तबाह  करने और यहाँ तक कि भारत के आत्मसमर्पण जैसे बेतुके दावों से पाकिस्तानी प्रचार तंत्र ने अपनी हार को छिपाने  की नाकाम कोशिशें की। आइए, सच्चाई और झूठ की इस जंग की तह तक जाएँ ।

                                                    पाकिस्तानी मीडिया की मनगढ़ंत कहानियाँ 

  1. युद्धविराम को जीत का तमगा

10 मई 2025 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम लागू हुआ। पाकिस्तानी अखबार जैसे जंग और डॉन ने इसे अपनी “शांति की पहल” करार दिया। उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने दावा किया, “पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति के लिए कदम उठाए हैं।” टीवी चैनल जियो न्यूज और एआरवाय न्यूज ने इसे कूटनीतिक जीत बताया।

सच्चाई: हकीकत यह है कि पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ से संपर्क किया, लेकिन यह भारत के सैन्य दबाव और अमेरिकी मध्यस्थता का नतीजा था। युद्धविराम की शर्तें भारत के पक्ष में थीं। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे अपनी जीत दिखाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की।

  1. युद्धविराम उल्लंघन पर चुप्पी

युद्धविराम लागू होने के कुछ घंटों बाद ही, 10 मई की रात को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू और पंजाब में हमले की कोशिश की। भारतीय सेना ने इसे नाकाम कर दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे “घोर उल्लंघन” करार दिया।

पाकिस्तानी झूठ: जियो न्यूज और समा टीवी ने इन हमलों को या तो नजरअंदाज किया या दावा किया कि भारत ने पहले गोलीबारी शुरू की। यह सरासर झूठ है। भारतीय सेना के तथ्य इसकी पुष्टि करते हैं कि पाकिस्तान ने धोखे से हमला किया।

  1. आतंकी ठिकानों को नागरिक ठिकाने बताने की साजिश

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने स्टैंड-ऑफ हथियारों (HAMMER बम, SCALP मिसाइल) का उपयोग कर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।

पाकिस्तानी दावा: डॉन और एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इसे “भारतीय आक्रामकता” करार दिया और दावा किया कि रिहायिशी ठिकानों  पर हमले हुए। जियो न्यूज ने बहावलपुर में दो नागरिकों की मौत की खबर चलाई।

सच्चाई: यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। भारतीय रक्षा सूत्रों ने स्पष्ट किया कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर किए गए। नागरिक हताहतों की कहानी को बढ़ा-चढ़ाकर भारत के खिलाफ भावनाएं भड़काने की कोशिश की गई।

  1. परमाणु धमकी का डर

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा, “अगर भारत युद्ध को बढ़ाता है, तो परमाणु युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।” इस बयान को चैनलों ने खूब उछाला।

सच्चाई: यह गैर-जिम्मेदाराना बयान था। आसिफ का यह दावा उनकी पुरानी बातों से उलट था, जिसमें उन्होंने आतंकवाद को गलती माना था। यह जनता को डराने और भारत के सामने अपनी  कमजोरी छिपाने की  एक कोशिश थी।

सोशल मीडिया पर झूठ की बाढ़

पाकिस्तानी सोशल मीडिया मंचों (फेसबुक, टिकटॉक, यूट्यूब) पर झूठे दावों का बाजार  पानी की तरह गर्म है। कुछ प्रमुख दावे:

  • भारतीय जेट्स को मार गिराने का दावा: कई पोस्ट में दावा किया गया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने 5-7 भारतीय जेट्स (राफेल, सुखोई) मार गिराए। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में कहा, “हमने 5 भारतीय जेट्स, जिनमें 3 राफेल शामिल थे, नष्ट किए।”
    सच्चाई: PIB फैक्ट चेक ने इन दावों को खारिज किया। वायरल वीडियो और तस्वीरें पुरानी थीं , जैसे 2024 में राजस्थान का मिग-29 क्रैश या 2021 में पंजाब का मिग-21 क्रैश। एक वीडियो, जो राफेल गिराने का दावा करता था, अप्रैल 2025 में पाकिस्तान के ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट के हादसे का था। ख्वाजा आसिफ ने भी बाद में अपने दावे से पलट गए।
  • भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले: पोस्ट में दावा किया गया कि श्रीनगर एयरबेस और पूंछ ब्रिगेड हेडक्वार्टर तबाह हुए।
    सच्चाई: PIB ने बताया कि श्रीनगर का वीडियो 2024 में खैबर पख्तूनख्वा की झड़पों का था। पूंछ के दावे भी निराधार हैं।
  • आत्मसमर्पण और पायलटों की गिरफ्तारी: कुछ पोस्ट में कहा गया कि भारतीय सेना ने चोरा पोस्ट पर सफेद झंडा फहराया और पायलट (स्क्वाड्रन लीडर शिवानी सिंह) को पकड़ा गया।
    सच्चाई: PIB ने इन्हें फर्जी बताया। कोई भारतीय पायलट या सैनिक पकड़ा नहीं गया।
  • ननकाना साहिब पर हमला: भारत पर ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमले का आरोप।
    सच्चाई: PIB ने इसे झूठा करार दिया। यह भारत में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की साजिश थी।
  • साइबर हमला: दावा किया गया कि पाकिस्तान ने भारत के 70% पावर ग्रिड पर साइबर हमला किया।
    सच्चाई: PIB ने इसका खंडन किया। कोई बड़ा साइबर हमला नहीं हुआ।

झूठ के पीछे का खेल

पाकिस्तानी प्रचार तंत्र का मकसद साफ है:

  • हार को छिपाना: ऑपरेशन सिंदूर में अपने आतंकी ठिकानों के नष्ट होने और रक्षा प्रणाली की नाकामी को छिपाने के लिए झूठ फैलाए गए।
  • जनता को भड़काना: भारत-विरोधी भावनाएँ  भड़काकर जनता का समर्थन हासिल करना।
  • आंतरिक संकट पर पर्दा: आर्थिक बदहाली, बलूचिस्तान में विद्रोह (8 मई को BLA ने 14 सैनिक मारे) और सेना में असंतोष को छिपाने की कोशिश।
  • भारत की छवि खराब करना: भारत को आक्रामक दिखाकर वैश्विक मंच पर बदनाम करना।

सैन्य विश्लेषक कर्नल (रि.) रमेश शर्मा कहते हैं, “पाकिस्तान युद्धभूमि में भारत का मुकाबला नहीं कर सका, इसलिए अब वह प्रचार की जंग लड़ रहा है। लेकिन सच्चाई छिप नहीं सकती।”

भारत की जीत, सच्चाई की ताकत

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के सामने साबित किया। पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम करते हुए भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली की मजबूती दिखाई। 10 मई को लागू युद्धविराम भारत के दबाव का नतीजा था। पाकिस्तानी नागरिकों ने भी सोशल मीडिया पर स्वीकार किया कि उनकी रक्षा प्रणाली भारतीय मिसाइलों को रोकने में सक्षम रही।

पाठकों के नाम संदेश

पाकिस्तान का प्रचार तंत्र भले ही झूठ फैलाए, लेकिन सच्चाई की जीत निश्चित है। PIB फैक्ट चेक और भारतीय रक्षा सूत्रों ने इन दावों की पोल खोल दी। देशवासियों से अपील है कि वे फर्जी खबरों से सावधान रहें और केवल विश्वसनीय स्रोतों पर भरोसा करें। भारत ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी, बल्कि प्रचार के इस युद्ध में भी सच्चाई का परचम लहराया।

लेखक परिचय:

श्री आलोक लाहड़ –वरिष्ठ पत्रकार ,समाचार विश्लेषक ,शोधार्थी और हिस्पानिस्ट हैं। बार्सिलोना, स्पेन से भारतीय और यूरोपीय मामलों  पर सतत लेखन.सम्प्रति –ग्लोबल गवर्नेंस न्यूज़  समूह के सलाहकार संपादक (यूरोपीय मामलें ) हैं.

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

Comments are closed.