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दिल्ली 1 मई 2025 : भारतीय लघु और मध्यम समाचार पत्र महासंघ (IFSMN) ने आज अपनी 40वीं स्थापना दिवस मनाया जिसमें मीडिया के सामने बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया, विशेष रूप से पत्रकारिता के गिरते मानकों और छोटे तथा मध्यम आकार के समाचार पत्रों की समस्याओं पर। यह कार्यक्रम हौज़ खास स्थित जगन्नाथ मंदिर मीटिंग हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर से पत्रकारों ने भाग लिया और वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की दिशा पर चर्चा की। मुख्य अतिथि, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ पत्रकार एम. जे. अकबर ने एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिसमें उन्होंने पत्रकारों की भूमिका को समाज का दर्पण बताया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पत्रकारों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और एकजुट रहना चाहिए ताकि वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता को प्रभावी ढंग से कायम रख सकें। अकबर ने “दोहरी नीति” की चेतावनी भी दी, जिसे उन्होंने पत्रकारिता की नींव के लिए खतरा बताया, जो विशेष रूप से छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को प्रभावित करती है। पूर्व राजनयिक और आईएफएस अधिकारी अमरेंद्र खतुआ, जो इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि थे, ने भी इन चिंताओं को दोहराया। उन्होंने सत्य को उजागर करने में पत्रकारों के अथक प्रयासों की सराहना की, साथ ही सरकार की ओर से छोटे और मध्यम प्रकाशनों की समस्याओं को लेकर दिखाई दे रही उदासीनता की आलोचना की। खतुआ ने प्रेस से इन कठिन परिस्थितियों में अधिक मुखर और सशक्त होने का आह्वान किया।
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