पाकिस्तान : आतंकवाद के खिलाफ नहीं, आतंकवाद को छिपाने के लिए परमाणु धमकी!

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पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली का हालिया बयान रूस में दिया गया है, जो न केवल खतरनाक है, बल्कि पाकिस्तान के असली चेहरे को दुनिया के सामने भी उजागर करता है। जमाली ने कहा कि यदि भारत ने सैन्य कार्रवाई की, तो पाकिस्तान अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल करेगा — परमाणु हथियार भी शामिल हो सकते हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या हुई।

प्रश्न उठता है — पाकिस्तान यह धमकी किसे दे रहा है? भारत को, जो अपने नागरिकों की रक्षा कर रहा है? या दुनिया को, ताकि पाकिस्तान पर लगे “आतंकी राज्य” के लेबल से बचा जा सके?

पहलगाम हमला: पाकिस्तानी साजिश का नया अध्याय

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आया हमला कोई विशेष घटना नहीं थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस हमले की देशद्रोही योजना पाकिस्तान में बनाई गई थी, और आतंकियों को सीमा पार से रसद और सहायता पहुँची थी। इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर लगातार दस रातों तक गोलाबारी की, ताकि भारत का ध्यान बँटाया जा सके।

यह आतंकवादी देश  हरेक बार एक ही गीत गुनजान करता है — “हम आतंकवाद के खिलाफ हैं”。 लेकिन सच यह है कि उसके आर्मी कैंप के  IDEO जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे समूहों के ट्रेनिंग कैंप चलते हैं।

परमाणु धमकी: डरपोक पाकिस्तान की रणनीति

यह देश  जब देखो तब परमाणु हथियारों की धमकी देकर भारत को डराने का जतन करता रहता है। यही वह पाकिस्तान है, जो आतंकी संगठनों को आश्रय प्रदान करता है, उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करता है, और फिर जब भारत प्रतिपलाना करता है, तो दुनिया के बीच “मासूम” बनने का प्रदर्शन करता है। खालिद जमाली ने यह बयान दिया ऐसे समय जब मीडिया में “भारत की सैन्य कार्रवाई की योजना” की अफवाहें फैली थीं। साफ है कि पाकिस्तान परमाणु मुद्दे को उठाकर न सिर्फ भारत को रोकना चाहता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी भटकाना चाहता है — ताकि उसके आतंक का धंधा बेरोकटोक चलता रहे।

 पाकिस्तान: एक आतंकवादी राज्य

दुनिया भर की एजेंसियां — भारत की रॉ, अमेरिका की सीआईए, और कई स्वतंत्र मॉनिटर — यह साबित कर चुकी हैं कि पाकिस्तान आतंकियों की शरणस्थली है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा क्योंकि वह आतंकी फंडिंग रोकने में असफल रहा।

पाकिस्तान कहता है कि उसने आतंकियों पर हमला किया है, लेकिन वास्तविकता यह है कि ये आतंकी संगठन नए नामों के तहत काम जारी रखते हैं। पाकिस्तान सरकार और उसकी सेना दोनों की मिलीभगत के कारण यह खेल दशकों से चल रहा है।

भारत की रणनीति: संयम का परीक्षण

भारत ने अब तक संयम का प्रदर्शन किया है। उसने सीमित सैन्य जवाब दिया है, ताकि मामला न बिगड़े। लेकिन अब यह सवाल है कि क्या संयम से ही बात बनेगी? भारत में और दुनिया भर में आवाजें उठ रही हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य कदम सख्ती से उठाए जाएँ।

अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोप और एशिया के देश मिलकर पाकिस्तान का पर्दाफाश करें। पाकिस्तान दक्षिण एशिया के लिए नहीं, पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है। उसके परमाणु हथियार आतंक का ढाल बन चुके हैं। अगर दुनिया ने अब भी आँखें मूँदी रखीं, तो कल यह आग बाकी देशों तक पहुँच सकती है। पाकिस्तान को “आतंकी राज्य” घोषित करो पाकिस्तान की परमाणु धमकियाँ वास्तव में उसकी कमजोरी को छुपाने की कोशिश हैं। जब तक पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी राज्य घोषित नहीं किया जाएगा, तब तक उसके हौसले बढ़ते रहेंगे। भारत को न सिर्फ सैन्य मोर्चे पर, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पाकिस्तान की नाकेबंदी करनी होगी।

अब यह सवाल नहीं है कि पाकिस्तान  कब पकड़ा जाएगा, बल्कि यह है कि दुनिया कब पाकिस्तान की असलियत को खुलेआम स्वीकार करेगी।

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