डीके शिवकुमार ने परमेेश्वर का किया बचाव, रन्या राव केस में ईडी छापों को बताया राजनीतिक साजिश

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समग्र समाचार सेवा 

बेंगलुरु, 22 मई 2025 — कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेेश्वर का कड़ा समर्थन किया है, जिनकी शैक्षणिक संस्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रन्या राव सोने की तस्करी मामले से जुड़े धनशोधन की जाँच  के तहत छापेमारी की है।

ईडी की टीमों ने टुमकुर और बेंगलुरु में परमेेश्वर से जुड़े सिद्धार्थ एजुकेशन ट्रस्ट के तहत आने वाले सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, सिद्धार्थ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अन्य परिसरों में छापे मारे। करीब 25 अधिकारियों ने इस छापेमारी को अंजाम दिया, जो देर शाम तक चली और अगली सुबह फिर से शुरू होने की संभावना है। इस दौरान मीडिया को परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी गई, हालांकि छात्रों की पढ़ाई में बाधा नहीं आई।

डीके शिवकुमार ने कहा, “परमेेश्वर एक ईमानदार और साफ-सुथरे छवि वाले नेता हैं। अगर छापे में कोई आभूषण या उपहार मिले हैं तो संभवतः वे शादी या सामाजिक आयोजनों में मिले होंगे। यह कोई अपराध नहीं है।” उन्होंने इस छापेमारी को तंज कसते हुए “शादी का तोहफा” करार दिया।

इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेताओं में आक्रोश है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह एससी/एसटी समुदाय के नेताओं को राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बना रही है, खासकर तब जब राज्य सरकार ने हाल ही में दलित समुदाय के लिए योजनाएं शुरू की हैं।

वहीं, भाजपा नेताओं ने संकेत दिया है कि अभिनेत्री रन्या राव द्वारा कथित सोने की तस्करी से जुड़े पैसों का कुछ हिस्सा परमेेश्वर के ट्रस्ट तक पहुंचा हो सकता है। भाजपा नेता आर. अशोक ने कहा कि जांच में और भी खुलासे होंगे।

ईडी की जांच अभी जारी है, और इस हाई-प्रोफाइल मामले में आने वाले दिनों में और भी सनसनीखेज खुलासे होने की संभावना है।

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