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पूनम शर्मा
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी नीतियों में कई सख्त बदलाव हुए हैं। इन बदलावों का असर अब साफ तौर पर अमेरिका के पर्यटन क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। खासकर यूरोप से आने वाले पर्यटकों की संख्या में गिरावट आई है।
मार्च में गिरावट, अप्रैल में थोड़ी रिकवरी
यूएस टूरिज्म ऑफिस के अनुसार, मार्च 2025 में पश्चिमी यूरोप से अमेरिका आने वाले पर्यटकों की संख्या में 17% की गिरावट दर्ज की गई। जर्मनी से आने वाले पर्यटकों की संख्या में 28% की गिरावट आई। हालाँकि अप्रैल में थोड़ा सुधार हुआ और 12% की वृद्धि देखी गई।
जर्मन ट्रैवल एसोसिएशन (DRV) का कहना है कि ईस्टर की छुट्टियाँ इस साल अप्रैल में थीं, जिससे मार्च में संख्या कम रही। लेकिन चिंता की बात यह है कि लोग अमेरिकी वीज़ा और इंट्री रूल्स को लेकर सवाल पूछने लगे हैं।
अमेरिका में डिटेन्शन और डिपोर्टेशन का डर
मार्च के अंत में कुछ यूरोपीय यात्रियों को अमेरिका पहुंचने पर हिरासत में लिया गया और बाद में उन्हें वापस भेज दिया गया। इससे यूरोप में डर और असमंजस का माहौल बन गया है। कई देशों ने अपने नागरिकों को अमेरिका यात्रा से पहले दस्तावेज़ जांचने की सलाह दी है।
निजता और सम्मान की चिंता
60 वर्षीय जर्मन डॉक्टर राफेल ग्रूबर ने कहा, “जो अमेरिका मैं जानता था, वह अब नहीं रहा।” वे हर साल परिवार के साथ केप कॉड घूमने जाते थे। अब उन्हें बॉर्डर पर इलेक्ट्रॉनिक जांच, निजी जानकारी की मांग और विदेशी डर का माहौल असहज लग रहा है।
ब्रिटेन के इतिहास शिक्षक मैट रे ने कहा कि उन्होंने अमेरिका का प्लान ही कैंसिल कर दिया है। वे अब दक्षिण अमेरिका जाना पसंद करेंगे। उनका कहना है कि “अब अमेरिका में विदेशी यात्रियों को सम्मान नहीं मिलता।”
अमेरिकी बयानबाज़ी और टैरिफ ने बढ़ाई नाराज़गी
ट्रंप की ब्रिटिश एक्सपोर्ट पर टैरिफ और उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस के ब्रिटेन को “रैंडम कंट्री” कहने से यूरोपियों की नाराज़गी और बढ़ी है।
फ्रांस और जर्मनी से गिरावट जारी
फ्रांस की ट्रैवल कंसल्टेंसी ‘Protourisme’ के अनुसार, ट्रंप के बयानों और नीतियों के चलते फ्रेंच पर्यटकों की अमेरिका यात्रा में 25% तक की गिरावट हो सकती है। मार्च में 8% और अप्रैल में 12% फ्रेंच टूरिस्ट कम आए। गर्मियों में भी 11% गिरावट की संभावना है।
जर्मनी की अर्थव्यवस्था पहले ही अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित है। ऐसे में लोग अमेरिका जाने से हिचकिचा रहे हैं।
अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर
विश्व यात्रा और पर्यटन परिषद (WTTC) के अनुसार, इस साल अमेरिका को विदेशी पर्यटकों से लगभग 12.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। ये नुकसान कनाडा और मैक्सिको से आने वाले पर्यटकों की कमी के कारण भी हो सकता है।
भारत और ब्रिटेन के आंकड़े
ब्रिटेन से अप्रैल में यात्रियों की संख्या में 15% बढ़ोतरी हुई, हालांकि मार्च में 14% गिरावट रही। भारत से भी 2024 में 2.2 मिलियन पर्यटक अमेरिका गए थे, लेकिन राजनीतिक माहौल से उनका भी मूड बदल सकता है।
क्या पर्यटन पर पड़ेगा स्थायी असर?
हालाँकि कुछ लोग अब भी अमेरिका जाने का प्लान बना रहे हैं, लेकिन सामान्य ‘मूड’ में बदलाव महसूस किया जा रहा है। यूरोप में यह धारणा बन रही है कि अमेरिका अब पहले जैसा मेहमाननवाज़ देश नहीं रहा। ट्रंप की नीतियों और टिप्पणियों ने पर्यटकों की सोच को प्रभावित किया है।
डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रवादी नीतियाँ और सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी अमेरिका की पर्यटन छवि को प्रभावित कर रही हैं। यूरोपीय पर्यटक अब विकल्प तलाश रहे हैं और अमेरिका की यात्रा पर पुनर्विचार कर रहे हैं। यदि यह रुझान जारी रहा, तो इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो सकता है।
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