‘ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं‘ को प्रमोट करते हुए एक्टर रसिक दवे

ज़ी टीवी पर अपने नए शो ‘ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं‘
को प्रमोट करने इंदौर पहुंचे मशहूर एक्टर रसिक दवे

उनका जन्म नफरत करने के लिए हुआ है लेकिन उनकी तकदीर में प्यार लिखा है!  ज़ी टीवी का नया प्राइमटाइम फिक्शन शो ‘ऐसी दीवानगी … देखी नहीं कहीं’ दो जोशीले लोगों की एक्शन से भरी प्रेम कहानी है। इनके बीच नफरत के सिवाय और कुछ नहीं हो सकता। गुजरात के अंचलों में आधारित यह शो तेजस्विनी और प्रेम की कहानी है, लेकिन इस पूरे ड्रामा के केन्द्र में हैं धरम सिंह राठौड़। वे प्रेम के पिता हैं और गुजरे जमाने के डॉन। उधर तेजस्विनी के पिता एक नेक और ईमानदार, शहीद पुलिसकर्मी थे। ऐसे में प्रेम और तेजस्वनी के बीच कुछ भी समान नहीं है। फिर कुछ ऐसी परिस्थितियां बनती हैं जिसमें दोनों का टकराव होता है। अब यह टकराव आगे चलकर उनके प्यार में बदलता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। इस शो की जबर्दस्त शुरुआत हुई है और दर्षकों ने सभी कलाकारों को खूब पसंद किया है। इस शो में पूर्व अंडरवल्र्ड डाॅन धरम सिंह राठौड़ के रोल में नजर आ रहे जाने-माने कलाकार रसिक दवे अपने शो को प्रमोट करने आज इंदौर पहुंचे।

ऐसी दीवानगी … देखी नहीं कहीं’ एक जुनून से भरी टकराव की कहानी है जिसमें ताकत का खेल है, प्यार है, धोखा है, चालबाजी है और भी बहुत कुछ है। एक शहीद पिता की बेटी तेजा अपने पिता के साहस और वीरता के किस्से सुनकर बड़ी हुई है। बाद में उसे पता चलता है कि उसके पिता को एक भीड़ भरे बाजार में बेरहमी से मार दिया गया था और वह हत्यारा कोई और नहीं बल्कि धरम सिंह राठौड़ है। इसके बाद शुरू होता है एक्षन से भरा रोमांस जिसमें बदला लेने की प्यास छिपी है।

इंदौर प्रवास के दौरान अपने किरदार के बारे में बताते हुए एक्टर रसिक दवे कहते हैं, ‘‘मैं टीवी पर चुनिंदा भूमिकाएं ही निभाता हूं। ज्यादातार शोज महिलाओं पर केन्द्रित होते हैं जिनमें एक पिता के रोल में परफॉर्म करने का ज्यादा स्कोप नहीं होता। लेकिन जब मैंने पूरी स्क्रिप्ट सुनी तो मुझे पता चला कि इस शो की कहानी का प्रमुख पात्र एक रिटायर्ड अंडरवल्र्ड डॉन है। हमने भारतीय टेलीविजन पर इससे पहले ऐसे किरदार के बारे में नहीं सुना है। यह कोई बेरहम या खून का प्यासा डॉन नहीं है। उसका एक मजबूत भावनात्मक पक्ष है और अपने आसपास के लोगों से उसका अच्छा रिश्ता है। दरअसल, मेरे कुछ इमोशनल दृश्यों को देखकर दर्शकों की आंखों में आंसू आ जाएंगे, खास तौर पर तब जब वह अपने बेटे प्रेम (प्रणव मिश्रा) और इस लड़की तेजस्विनी (ज्योति शर्मा) से बातचीत करता है, जिसे वह अपनी बेटी की तरह मानता है। मुझे लगता है कि भाई धरम सिंह राठौड़ का यह नेक रोल खास तौर पर मेरे लिए बनाया गया है। यह इंदौर में मेरी पहली यात्रा है और मैं यहां के दर्शकों से निवेदन करता हूं कि वे इस शो को जरूर देखें और हम पर अपना प्यार बनाए रखें। मैंने यहां के खानपान के बारे में काफी कुछ सुना है और मैं यहां पोहा और नमकीन का आनंद लेना चाहूंगा।‘‘

इस समय शो में दिखाया जा रहा है कि प्रेम और उसके भाई तेजस्विनी को आधी रात में उसके घर से उठा लेते हैं। तेजस्विनी के काफी संघर्ष के बावजूद यह लड़के उसे जबर्दस्ती एक बस में खींचकर राजपीपला से बाहर ले जाते हैं। अगली सुबह जब लड़के अपनी जीत का जश्न मनाने ही वाले होते हैं तभी तेजा राठौड़ मैनशन में आ धमकती है। यह बदला लेने का तेजा का तरीका है। उसकी मौजूदगी से प्रेम डर जाता है क्योंकि उसे डर होता कि कहीं तेजा उसके अपहरण की बात उसके परिवार को न बता दे। प्रेम को उसके ही घर में डराकर तेजा जो मास्टरस्ट्रोक मारती है उससे प्रेम गुस्से में आ जाता है। प्रेम के पिता तेजा को पसंद करने लगते हैं और उन्हें उनके घर में रहने को कहते हैं। क्या एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत ये दो इंसान एक दूसरे के लिए कुछ महसूस करेंगे? क्या धरम सिंह राठौड़ के अंडरवल्र्ड के अतीत के बीच तेजस्विनी और प्रेम के बीच चिंगारी पैदा होगी?

 

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