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पूनम शर्मा
इज़रायली सेना का संदेश इज़रायल की जनता से नहीं, सरकार से है जंग
इससे पहले इज़रायली सेना ने ईरान की आम जनता को सोशल मीडिया के ज़रिए चेतावनी दी कि यदि आपके घर, मोहल्ले या इलाक़े में कोई मिलिट्री बेस, न्यूक्लियर लैब या सैन्य वैज्ञानिक हैं, तो तुरंत वहां से निकल जाएं। क्योंकि जो हमला आज रात होगा, वह ईरान के लिए “नरसंहार जैसा” हो सकता है।क्योंकि आज रात जो कार्रवाई होगी उसे ईरान झेल नहीं पाए गा कुछ और भी बड़ी खबरे आ रही हैं मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर खड़ा है। ईरान और इज़रायल के बीच छिड़ी जंग अब वैश्विक संकट में बदलती जा रही है। इस युद्ध के सबसे नाटकीय मोड़ पर अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी सामने आई है – “अगर ईरान ने अमेरिका या उसके किसी भी सहयोगी पर हमला किया, तो हम ऐसा जवाब देंगे कि ईरान का नामोनिशान मिट जाएगा।”
यह बयान ऐसे वक्त आया है जब इज़रायल ने बीती रात एक के बाद एक भीषण हवाई हमलों में ईरान के रक्षा मुख्यालय समेत कई मिलिट्री और न्यूक्लियर स्थलों को ध्वस्त कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों में अब तक 215 ईरानी नागरिकों की मौत हो चुकी है और ईरान का एयर डिफेन्स सिस्टम लगभग पूरी तरह से फेल हो चुका है।
इससे पहले इज़रायली सेना ने ईरान की आम जनता को सोशल मीडिया के ज़रिए चेतावनी दी कि यदि आपके घर, मोहल्ले या इलाक़े में कोई मिलिट्री बेस, न्यूक्लियर लैब या सैन्य वैज्ञानिक हैं, तो तुरंत वहां से निकल जाएं। क्योंकि जो हमला आज रात होगा, वह ईरान के लिए “नरसंहार जैसा” हो सकता है।
इज़रायली बयान में साफ कहा गया – “हमारी जंग ईरान की जनता से नहीं, उनकी सरकार और सैन्य मशीन से है। हमें अफसोस है, लेकिन अगर आप उनकी नीतियों के करीब हैं, तो आप निशाने पर हो सकते हैं।”
ईरान की मिसाइलें हवा में ही तबाह, इज़रायल के सिस्टम ने मारी बाज़ी
बीते 48 घंटों में ईरान ने इज़रायल पर कई मिसाइल हमले किए लेकिन **इज़रायली आयरन डोम और अन्य डिफेन्स सिस्टम्स** ने सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। कुछ दिन पहले तक ईरान को कुछ सफलता जरूर मिली थी, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
आज की रात में ईरान द्वारा दागी गई अधिकांश मिसाइलें बीच रास्ते में ही मार गिराई गईं। इसका मतलब है कि अब ईरान की जवाबी क्षमता भी खतरे में है।
18 ईरानी राज्यों में हमले, 150 ठिकाने तबाह
इज़रायल के ताज़ा हमलों में ईरान के 18 राज्यों में लगभग 150 मिलिट्री और न्यूक्लियर लोकेशन पर हमला किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये हमले बेहद सटीक थे और इज़रायली विमानों ने इन ऑपरेशनों को अंजाम देने के लिए जॉर्डन के हवाई क्षेत्र का प्रयोग किया। जॉर्डन ने इज़रायल को पूरी छूट दे रखी है कि वह उनके आसमान से उड़कर ईरान तक पहुंच सकता है।
ईरान की हवाई सीमाएँ बंद, विमान उड़ नहीं पा रहे
ईरान के लिए अब खतरा और भी बढ़ गया है क्योंकि उसके हवाई क्षेत्र को अन्य देशों ने बंद कर दिया है। ईरान की सेना अब अपने ही विमानों को मूव करने में अक्षम दिख रही है। उधर, इज़रायल ने एक पूरा सिस्टम बना लिया है जिसमें उसके फाइटर जेट्स के साथ एक इंजन वाला लॉजिस्टिक सप्लाई प्लेन उड़ता है, जो ईंधन व अन्य ज़रूरी सप्लाई देकर वापस लौट आता है।
ट्रंप की धमकी: “ईरान का नाम मिटा देंगे”
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने हालिया बयान में कहा –
“अगर ईरान ने अमेरिका पर हमला किया तो हम उस पर ऐसा प्रहार करेंगे जैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि वह इस युद्ध को रोकना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए ईरान को न्यूक्लियर डील पर वापस आना होगा। लेकिन आज की बातचीत बिना किसी परिणाम के समाप्त हो गई। यानी युद्ध अब और भी तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
चीन, रूस और पाकिस्तान की भूमिका संदिग्ध
ईरान उम्मीद कर रहा था कि रूस, चीन और पाकिस्तान उसकी मदद करेंगे, लेकिन रूस और चीन अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। पाकिस्तान ने भले ही बयानबाज़ी की हो लेकिन उसका आर्मी चीफ इस वक्त अमेरिका में बैठा है। सवाल ये है कि क्या वह अमेरिका में बैठकर इज़रायल और अमेरिका के खिलाफ ईरान की कोई मदद कर पाएगा?
ईरान को दुनिया से कोई मदद नहीं, अकेला लड़ रहा है
ईरान इस वक्त पूरी दुनिया से मदद की गुहार लगा रहा है , लेकिन फिलहाल कोई भी देश उसके साथ खुलकर खड़ा नहीं हो रहा। इज़रायल ने इसे एक अवसर की तरह देखा है – अपने पुराने दुश्मन को सबक सिखाने का। अब इज़रायल की रणनीति यह है कि वह ईरान की सैन्य और न्यूक्लियर क्षमताओं को इस युद्ध में पूरी तरह खत्म कर दे।
ये युद्ध रुकेगा नहीं, बढ़ेगा”
जानकार मानते हैं कि यह संघर्ष अब कुछ दिनों का नहीं बल्कि एक लंबे युद्ध में तब्दील हो सकता है। अगर ईरान की जनता सरकार के खिलाफ खड़ी नहीं होती और अन्य देश उसकी मदद नहीं करते, तो यह देश अपने राजनीतिक और सैन्य अस्तित्व को लेकर संकट में आ जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे गंभीर बात ट्रंप की धमकी है – “अगर हमें छेड़ा गया तो ईरान को नष्ट कर देंगे।” यह चेतावनी सिर्फ ईरान को नहीं, बल्कि रूस, चीन और अन्य अमेरिकी विरोधियों को भी है।
क्या यह युद्ध सिर्फ ईरान और इज़रायल तक सीमित रहेगा? या यह दुनिया को तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने तक ले जाएगा?
जवाब समय देगा, लेकिन हालात बेहद चिंताजनक हैं।
जैसे-जैसे घटनाएं बदल रही हैं, हम आपको इस युद्ध से जुड़ी हर ताज़ा जानकारी देते रहेंगे।
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