अहमदाबाद में ‘बांग्लादेशी अड्डे’ पर फिर चला बुलडोजर! चंडोला तालाब से हटेंगे 8 हजार अवैध ढांचे, प्रशासन का बड़ा एक्शन!
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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,20 मई । गुजरात की राजधानी में चंडोला तालाब एक बार फिर सुर्खियों में है — और इस बार वजह है 8,000 अवैध निर्माणों पर चला प्रशासन का बुलडोजर। बताया जा रहा है कि इस इलाके में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने डेरा जमा रखा था, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी। इसके बाद अब प्रशासन ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
स्थानीय खुफिया इनपुट और पुलिस रिपोर्टों के मुताबिक, चंडोला तालाब के आसपास के इलाके में हजारों की संख्या में बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे थे। न केवल झुग्गियां बल्कि पक्के मकान, दुकानें और वर्कशॉप भी बगैर किसी मंजूरी के बनाए गए थे।
प्रशासन को आशंका थी कि ये अवैध बस्तियां आतंकी गतिविधियों और आपराधिक नेटवर्कों का अड्डा बन सकती हैं। इसी खतरे को भांपते हुए अब अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस विभाग ने मिलकर इस इलाके में सबसे बड़ी कार्रवाई का बिगुल फूंक दिया है।
कार्रवाई के पहले दिन ही सैकड़ों जेसीबी और बुलडोजर मौके पर पहुंच गए। स्थानीय पुलिस और SRP जवानों की मौजूदगी में अब तक 2,000 से अधिक अवैध झोपड़ियां तोड़ी जा चुकी हैं। प्रशासन का दावा है कि अगले कुछ दिनों में पूरे 8,000 ढांचे गिरा दिए जाएंगे।
“ये सिर्फ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं, ये है राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा का मिशन” – प्रशासनिक अधिकारी
हालांकि कुछ इलाकों में स्थानीय निवासियों ने विरोध भी किया और अधिकारियों से बहस की, लेकिन प्रशासन पूरी तरह तैयार था। पुलिस ने साफ कर दिया है कि किसी भी अवैध कब्जाधारी को बख्शा नहीं जाएगा।
बुलडोजर कार्रवाई के बाद अब प्रशासन एक-एक व्यक्ति के दस्तावेजों की जांच करेगा। जिनके पास भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं होगा, उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा और बाद में देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
इस बड़े एक्शन के बाद सियासी बयानबाज़ी भी तेज हो गई है।
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भाजपा ने इसे “सुरक्षा के लिए ज़रूरी” बताया।
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वहीं, विपक्ष ने इसे “गरीब विरोधी और मानवता के खिलाफ” करार दिया।
लेकिन सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध घुसपैठ के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।
चंडोला तालाब अब ‘तालाब’ नहीं, सुरक्षा चिंता का केंद्र बन चुका था। लेकिन अब बुलडोजर की गड़गड़ाहट के साथ सरकार ने साफ संदेश दे दिया है — “घुसपैठियों के लिए गुजरात में कोई जगह नहीं!”
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