अमेरिका में नो किंग्स रैली, गोलीबारी में 1 की मौत

वाशिंगटन , 16 जून, 2025, अमेरिका के साल्ट लेक सिटी में “नो किंग्स” नाम के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हो गई। प्रदर्शन में शामिल एक शख्स ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की कोशिश कर रहे व्यक्ति पर हमला कर दिया। इससे राइफल लेकर खड़ा व्यक्ति और एक राहगीर दोनों घायल हो गए। बाद में अस्पताल में राहगीर की मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि हमला करने वाले 24 साल के युवक का नाम आर्टुरो गैंबोआ है। उसे शनिवार शाम हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। गोली लगने से घायल हुए राहगीर की पहचान 39 साल आर्थर फोलासा आह लू के रूप में हुई, जिनकी बाद में अस्पताल में मौत हो गई। साल्ट लेक सिटी के पुलिस प्रमुख ब्रायन रेड ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस घटना की जानकारी दी।

दरअसल, वाशिंगटन में शनिवार को अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर मिलिट्री परेड का आयोजन किया गया था। इस बीच, ट्रम्प के विरोध में पूरे अमेरिका में लगभग 2 हजार जगहों पर नो किंग्स (यानी अमेरिका का कोई राजा नहीं है) विरोध प्रदर्शन हुए।

34 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर आयोजन

वाशिंगटन में 34 साल बाद इतने बड़े पैमाने पर मिलिट्री परेड का आयोजन हुआ। इससे पहले 1991 में ऐसा आयोजन हुआ था। इस परेड में टैंक, 6,700 सैनिक, 128 वाहन, 62 विमान शामिल हुए। इसके अलावा ड्रोन, रोबोटिक डॉग भी शामिल हुए।

राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस परेड को अमेरिकी ताकत और सैनिकों के बलिदान का प्रतीक बताया। परेड का समापन आतिशबाजी और ट्रम्प के भाषण के साथ हुआ। इस आयोजन में करीब 25 से 45 मिलियन डॉलर (21-38 करोड़) खर्च हुए हैं।

परेड कॉन्स्टिट्यूशन एवेन्यू पर हुई, जिसमें सैनिकों ने ऐतिहासिक वर्दी में मार्च किया और विश्व युद्धों से लेकर आधुनिक युद्ध तक के हथियारों का प्रदर्शन किया गया। ट्रम्प, प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प, और रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने विशेष मंच से परेड देखी।

इस दिन ट्रम्प का 79 जन्मदिन भी था। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी ट्रम्प को जन्मदिन की बधाई दी और अपनी शादी की सालगिरह का जिक्र किया।

अमेरिका के 50 राज्यों में एक साथ विरोध प्रदर्शन

पूरे अमेरिका में 14 जून को नो किंग्स नामक विरोध प्रदर्शन हुए। इस आंदोलन में लोगों ने ट्रम्प की नीतियों और तानाशाही रवैये का विरोध किया। इस आंदोलन का नाम “50 स्टेट्स, 50 प्रोटेस्टर्स, वन मूवमेंट” से प्रेरित था, जिसका मतलब है कि अमेरिका के 50 राज्यों में एक साथ विरोध प्रदर्शन।

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