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समग्र समाचार सेवा पश्चिम बंगाल 30 मई – पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के मेमारी से 28 मई को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। 35 वर्षीय बेरोजगार इंजीनियर हुमायूं कबीर ने कथित तौर पर इस्लाम और जिहाद पर उठे सवालों से नाराज़ होकर अपने माता-पिता की हत्या कर दी और इसके बाद एक मदरसे में घुसकर शिक्षकों पर चाकू से हमला कर दिया।
पुलिस के अनुसार, हुमायूं कबीर पहले से ही मानसिक रूप से अस्थिर और धार्मिक रूप से कट्टर विचारधारा की ओर झुका हुआ था। घटनास्थल की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि उसने अपनी वैचारिक असहमति और धार्मिक कट्टरता के चलते यह हिंसक कदम उठाया।
हत्या के बाद, कबीर बोनगांव इलाके के एक मदरसे में पहुंचा, जहां उसने वहां पढ़ा रहे मौलवियों और शिक्षकों से इस्लाम में जिहाद की व्याख्या को लेकर बहस शुरू की। जब शिक्षकों ने उसे शांत रहने और सही तरीके से समझाने की कोशिश की, तो वह बुरी तरह भड़क गया और चाकू से उन पर हमला कर दिया। इस हमले में दो शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हुमायूं कबीर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि वह कई कट्टरपंथी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से जुड़ा हुआ था और पिछले कुछ महीनों से मानसिक रूप से अस्थिर और हिंसक हो गया था।
यह घटना न केवल राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे कट्टरपंथी सोच एक शिक्षित व्यक्ति को भी हिंसा की राह पर ले जा सकती है।
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