पूंजी कोष घटना बैंकों और अर्थव्यवस्था के ‎लिए घातक हो सकता है: आरबीआई

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि अ‎धिक फंसे कर्ज और उसे कवर करने के लिए अपर्याप्त प्रावधान होने के साथ साथ पूंजी संबंधी नियामकीय जरूरतों अथवा जोखिम पूंजी नियमों में किसी भी तरह की रियायत दिया जाना बैंकों के साथ ही समूची अर्थव्यवस्था के लिए घातक हो सकता है। रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में यह कहा गया है।

बासेल तीन नियमों में विभिन्न प्रकार के कर्ज के लिए जोखिम प्रावधान की सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखी गई सकल डिफाल्ट दर (सीडीआर) और रिकवरी दर के आधार पर की गई हैं लेकिन भारत में ये दरें अंतरराष्ट्रीय औसत के मुकाबले काफी ऊंची हैं। रिजर्व बैंक की बैंकिंग क्षेत्र में रुझान एवं प्रगति नामक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

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