विपक्ष के अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ यूपी में भाजपा सांसदों का जिले-जिले उपवास

लखनऊ । विपक्ष के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर आज भाजपा के सांसद और नेताओं ने अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों के जिला मुख्यालयों पर उपवास किया और विपक्ष पर संसद से लेकर सरकारी कामकाज में विपक्ष पर गतिरोध का आरोप लगाया। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी रहे। केंद्रीय मंत्री, सांसद और भाजपा उपवास में विपक्ष पर आक्रामक दिखे। पीएम मोदी के क्षेत्र वाराणसी में जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के क्षेत्र लखनऊ में यूपी सरकार के मंत्री समर्थकों के साथ उपवास पर रहे। भाजपा अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने चंदौली को उपवास स्थल बनाया। कई संसदीय क्षेत्रों में भाजपा सांसद नहीं होने से वहां नामित राज्यसभा सांसद रहे। उल्लेखनीय है कि संसद सत्र में विपक्ष ने संसद को निर्बाध चलने में व्यवधान पैदा कर रखा है। विपक्ष के इस अलोकतांत्रिक रवैये के विरोध भाजपा सांसदों ने देशव्यापी उपवास किया है। सांसदों के मुताबिक उपवास का उद्देश्य लोगों में राजनीतिक चेतना जगाना है।

लखनऊ में कोई सांसद उपवास पर नहीं

विपक्ष के अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ सभी सांसद अपने-अपने क्षेत्रों में उपवास पर बैठे है लेकिन लखनऊ में राजनाथ सिंह और पीएम मोदी के क्षेत्र वाराणसी में वैकल्पिक नेता उपवास की अगुवाई कर रहे हैं। लखनऊ के सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह व्यस्तता की वजह से इस आयोजन में शामिल नहीं हुए लेकिन उनके विधायक पुत्र पंकज सिंह यूपी सरकार के मंत्री और भाजपा पदाधिकारियों समेत उपवास स्थल पर रहे । कानपुर में सांसद देवेंद्र सिंह भोले समर्थकों संग उपवास स्थल पर बैठे, यहां से मुरली मनोहर जोशी भी सांसद है।

राज्यसभा सांसद संभाल रहे जिम्मेदारी

प्रदेश उपाध्यक्ष शिवनाथ यादव और प्रदेश मंत्री प्रकाश पाल संगठन द्वारा समन्वय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संगठन ने सकलदीप राजभर को आजमगढ़, अशोक बाजपेई को रायबरेली, विजयपाल तोमर को अमेठी, कांता कर्दम को शामली, हरनाथ यादव को मैनपुरी, अनिल अग्रवाल को फीरोजाबाद में उपवास की जिम्मेदारी सौंपी है। जिले-जिले उपवास स्थल पर भाजपा सांसद समर्थकों का हुजूम उमड़ता रहा।

विद्रोही साध्वी का विरोधी तेवर कायम 

बहराइच की भाजपा सांसद साध्वी सावित्री बाई फुले लगातार अपनी ही पार्टी और सरकार पर हमलावर हैं। आज बहराइच में वह उपवास पर नहीं बैठीं और पार्टी के फरमान के विरोध में उनका तेवर बना रहा। इलाहाबाद के सांसद श्यामाचरण गुप्त भी पत्नी की बीमारी की वजह से उपवास में शामिल नहीं हुए। बिजनौर के नगीना सांसद डॉ. यशवंत के बारे में बताया गया कि विदेश गये हैं जबकि इटावा के सांसद अशोक दोहरे और राबट्र्सगंज के सांसद छोटेलाल खरवार उपवास कार्यक्रम में शामिल हुए। माना जा रहा है कि बसपा प्रमुख मायावती द्वारा विद्रोही सांसदों को बिकाऊ मानसिकता और स्वार्थी बताने से इनमें कुछ का तेवर ठंडा हो गया है।

जनता जनार्दन के समक्ष वास यानी उपवास

उपवास का सीधा मतलब उसके (ईश्वर) साथ वास है लेकिन जब जनता जनार्दन मान ली जाए तो उसी के साथ वास ही कल्याणकारी होता है। लोकतंत्र के लिए उपवास का यही रूप सर्वथा उपयुक्त है। कतिपय लोग कुछ खाना, कुछ पीना अथवा दोनो के बिना निश्चित अवधि के लिए रहने को भी उपवास कह लेते हैं। उपवास उप और वास दो शब्दों से बना है। यह दोनों संस्कृत शब्द है। धार्मिक और आध्यात्मिक साधना के रूप में लंबे समय से उपवास का प्रचलन है लेकिन भाजपा का उपवास जनता के निकट निवास करना ही है। हालांकि भाजपा सांसद बिना कुछ खाये पिये उपवास कर रहे हैं। कुछ केवल जलग्रहण कर उपवास कर रहे हैं। ऐसे तो उपवास के अनेक रूप हैं लेकिन सबका मतलब उसके निकट वास करना है।

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