कोरोना से मरने वालों का धर्म कोई भी हो, जलाया जायेगा

न्यूज़ डेस्क : कोरोना वायरस (कोविड-19) से मारे गए लोगों का धर्म कोई भी हो, उनका शवदाह किया जाएगा। वहीं, मुंबई महानगर क्षेत्र में कोरोना वायरस के 47 और पुष्ट मामलों के साथ संक्रमित लोगों की संख्या 170 हो गई है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि अंतिम संस्कार में पांच लोग से ज्यादा शामिल नहीं हो सकेंगे।बीएमसी प्रमुख प्रवीण परदेसी ने सोमवार (30 मार्च) को यह जानकारी दी।

 

वहीं, पुणे में कोरोना वायरस से 52 वर्षीय एक व्यक्ति की सोमवार (30 मार्च) को मौत के साथ ही महाराष्ट्र में संक्रमण से मृतकों की संख्या बढ़कर नौ हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित था।

 

अधिकारी ने बताया, ”22 मार्च को व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। पुणे में एक अस्पताल में सोमवार को उनकी मौत हो गई।” पुणे के मेयर मुरलीधर मोहोल ने बताया कि व्यक्ति को दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। सोमवार को कई अंगों के काम करना बंद करने के बाद उनकी मौत हो गई।

 

महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 262 राहत शिविर बनाए : दूसरी ओर, कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में बंद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए 262 राहत शिविर बनाए हैं, जहां उन्हें भोजन और आश्रय मिलेगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को यह जानकारी दी।

 

पिछले हफ्ते 21 दिन के बंद की घोषणा होने के बाद से बड़े शहरों से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था। ये सभी बेरोजगार हो जाने और भोजन अथवा आश्रय नहीं होने के कारण अपने गृह स्थानों पर जाने के लिए निकल पड़े थे। ठाकरे ने पहले भी प्रवासी मजूदरों से राज्य नहीं छोड़ने की अपील करते हुए उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।

 

केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों के जरिए कोरोना वायरस का सामुदायिक प्रसार रोकने के मद्देनजर रविवार (29 मार्च) को देशभर के सभी राज्यों और जिलों की सीमाओं को सील करने का आदेश दिया था। साथ ही चेतावनी दी थी कि उल्लंघन करने वाले को 14 दिनों के लिए पृथक किया जाएगा।

 

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