अमेरिकी सेना भारत के साथ : वाइट हाउस

न्यूज़ डेस्क : भारत ने चीन के तनावपूर्ण रिश्तों के इस दौर में अमेरिका के साथ विश्वसनीय सामरिक और सहयोगात्मक साझेदारी को आगे बढ़ा रहे हैं। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ समकक्ष अमेरिकी राजनयिक डेविड हेल की वार्ता इसी का संदेश दे रही है। दोनों देशों के राजनयिकों ने आर्थिक, वाणिज्यिक, सामरिक, व्यापारिक, राजनीतिक, क्षेत्रीय, द्विपक्षीय, अंतरराष्ट्रीय सभी मुद्दों पर चर्चा की। अंतराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप बढ़ाने के उपाय चर्चा के विषय रहे। 

 

 

कोविड-19 जैसी महामारी के कारण पैदा हुई परिस्थिति, वैक्सीन का विकास, एक दूसरे के सहयोग पर चर्चा भी की। चर्चा में दक्षिण चीन सागर का मुद्दा भी रहा। भारत दक्षिण चीन सागर में भयरहित और स्वतंत्र नौवहन का पक्षधर है। संभव है कि भविष्य में भारत इस क्षेत्र में साझा सहयोग का कदम उठा सकता है। चर्चा में हिंद महासागरीय क्षेत्र और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना भी रहा।

 

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी ले रहे हैं हालात का जायजा : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को काफी सक्रिय रहे। समझा जा रहा है कि उन्होंने लद्दाख क्षेत्र में ताजा घटनाक्रम के बारे में भी जानकारी ली। सैन्य कमांडरों से रक्षा मंत्री लगातार अपडेट होते रहते हैं। मंगलवार को रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) से उसके सीमावर्ती क्षेत्र के कामकाज, परियोजना तथा डेवलपमेंट को लेकर जानकारी ली। गौरतलब है कि चीन के साथ लद्दाख में, नेपाल के साथ लिपुलेख के पास ताजा विवाद का कारण बीआरओ द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में सड़क, पुल तथा संसाधनों से परियोजना को पूरा करना है।

 

बीआरओ ने वित्त वर्ष 2019-20 में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 30 फीसदी अधिक काम करके 60 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इस समय बीआरओ की टीम उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश में बर्फ को हटाकर सैन्य बलों की आवाजाही सुगम बनाने में लगी है। इसके अलावा तमाम सामरिक महत्व की सड़क परियोजनाओं को पूरा करने का काम चल रहा है। रक्षा मंत्री की बैठक से साफ है कि भारत सीमावर्ती क्षेत्र में संसाधनों के विकास से फिलहाल कोई समझौता नहीं करने जा रहा है।

 

 

भारत और चीन के बीच में लद्दाख क्षेत्र और एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) को लेकर बनी सहमति अभी भी सुरक्षा और सामरिक विशेषज्ञों के गले नहीं उतर पा रही है। ब्रह्मा चेलानी जैसे विशेषज्ञ भी इसके मायने कम समझ पा रहे हैं। विदेश मंत्रालय से मंगलवार को इसे लेकर सवालों का सिलसिला पूरे दिन जारी रहा। इस बीच भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिका के अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट (राजनीतिक मामले) डेविड हेल से बात की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों, सैन्य जनरलों से सीमा क्षेत्र के बारे में ताजा जानकारी ली। समझा जा रहा है कि रक्षा मंत्री ने चीन के सैनिकों के पीछे हटने की स्थिति के बारे में विशेष तौर से जानकारी ली है।

 

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