चीन से होगी सीमा विवाद पर बात, डोकलाम के बाद पहली बार दिल्ली में दोनों देशों के NSA

बीजिंग। भारत-चीनी सीमा पर हुई वार्ता के बाद चीन ने कहा कि डोकलाम गतिरोध द्विपक्षीय संबंधों के लिए कड़ी परीक्षा थी। ऐसे संघर्ष भविष्य में न हों इसके लिए अभी से सबक लिया जाना चाहिए। चीन का यह बयान तब आया है जब आगामी 22 दिसंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के सरकारी काउंसलर यांग जेची के बीच नई दिल्ली में सीमा पर 20वें दौर की वार्ता होनी है।

सिक्किम क्षेत्र में स्थित डोकलाम में विगत 28 अगस्त को खत्म हुए 73 दिन के गतिरोध के बाद भारत और चीन के बीच यह पहली उच्चस्तरीय बातचीत है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया को मंगलवार को बताया कि विशेष प्रतिनिधि वाली यह बैठक ना सिर्फ उच्चस्तरीय है, बल्कि यह सीमा के मुद्दे पर बातचीत के लिए रणनीतिक संचार का मंच है।

उन्होंने कहा कि इससे दोनों पक्षों को अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों की प्रमुख चिंताओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया जा सकेगा। हुआ ने कहा कि वर्ष 2017 में भारत और चीन के संबंधों में अच्छी रवानी थी, लेकिन डोकलाम की घटना के कारण दोनों देशों के मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। हमें ऐसी घटनाओं से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसे किसी संघर्ष से बचना चाहिए। सीमा पर शांति और समरसता बनाए रखने के लिए हमें सीमा पर ऐतिहासिक समझौतों को मानना चाहिए।

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