प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे

सीएसआईआर के अनुसंधान प्रयास अब मुख्य रूप से हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, ग्रामीण भारत में रोजगार सृजित करने और आय के स्तर को बढ़ाने के लिए एसटीआई हस्तक्षेपों पर केंद्रित हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल सवेरे वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक के लिए सीएसआईआर समिति के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया है।

सीएसआईआर वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एक समिति है और प्रधानमंत्री इस समिति के अध्यक्ष हैं।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह, सीएसआईआर के उपाध्यक्ष, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में उपस्थित रहेंगे। सीएसआईआर समिति में प्रख्यात वैज्ञानिक, उद्योगपति और वैज्ञानिक मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। सीएसआईआर गतिविधियों की समीक्षा करने और अपने भविष्य के कार्यक्रमों पर विचार करने के लिए समिति की वार्षिक बैठक आयोजित की जाती है।

सीएसआईआर समिति की बैठक और सीएसआईआर की उपलब्धियों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर के अनुसंधान प्रयास अब मुख्य रूप से हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकियों, रोजगार सृजित करने और ग्रामीण भारत में आय के स्तर को बढ़ाने के लिए एसटीआई हस्तक्षेप पर केंद्रित हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता को मजबूत करना, बुनियादी ढांचे के विकास को सुविधाजनक बनाना और महत्वपूर्ण एस एंड टी मानव संसाधन विकसित करना भी सीएसआईआर का जनादेश है और अनुसंधान और विकास समूह अपने वैज्ञानिक कार्यों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म को अपना रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीएसआईआर दृष्टिकोण 2030 के अनुसार सीएसआईआर का पुनरोद्धार और राष्ट्रीय दृष्टिकोण @2047 के साथ गठबंधन करके भारत को एक वैज्ञानिक महाशक्ति और राष्ट्र के लिए एक प्रौद्योगिकी प्रदाता बनकर आत्मनिर्भर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने योजनाओं और विषयों के अधिक एकीकरण के लिए प्रधानमंत्री की परिकल्पना को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वर्तमान में, सीएसआईआर ने उद्योग जगत के साथ अपने जुड़ाव को मजबूत किया है, जिससे सीएसआईआर वित्त पोषित परियोजनाओं में औद्योगिक भागीदारी और सहयोग में वृद्धि हुई है। इसके अलावा सार्वजनिक-निजी भागीदारी-पीपीपी मॉडल का ऊर्जा क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है, कुछ सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने कृषि-जैव-न्यूट्रीटेक, विशेषता रसायन, एयरोस्पेस और हेल्थकेयर विषयों से संबंधित सीएसआईआर प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए स्थायी स्टार्ट-अप की सुविधा प्रदान की है।

मंत्री महोदय ने बताया कि 4 एम विषय की कचरा-से-कंचन बनाने वाली प्रौद्योगिकियों और विभिन्न प्रकार की धातुओं के निष्कर्षण-सह-शुद्धिकरण ने कुछ स्टार्ट-अप और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों-एमएसएमई को भी आकर्षित किया है। गुजरात में हाइड्राज़ीन हाइड्रेट उत्पादन संयंत्र सीएसआईआर की रसायन थीम से प्रौद्योगिकी का हालिया प्रमाण है, जो नई ऊंचाइयों तक पहुंच रहा है और आयात प्रतिस्थापन के लिए अग्रणी है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी रेखांकित किया कि जम्मू-कश्मीर में सीएसआईआर के सुगंध अभियान और बैंगनी क्रांति ने भारत के आयातक की जगह निर्यातक के रूप में भारत के इतिहास को बदल दिया है। मंत्री महोदय ने कहा कि महाराष्ट्र में स्टील स्लैग रोड, सीएसआईआर की हेलीबोर्न तकनीक का उपयोग करते हुए जल मानचित्रण, सीएसआईआर के लाइन मंत्रालयों के साथ घनिष्ठ सहयोग के कुछ अन्य उदाहरण हैं, जो सीएसआईआर की सिविल सह बुनियादी संरचना और ई3ओडब्ल्यू विषयगत परियोजनाओं के माध्यम से संचालित हैं।

डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन कलैसेल्वी ने अपनी प्रस्तुति में कहा कि सीएसआईआर की गतिविधियां पूरे भारत में फैले 37 प्रयोगशालाओं और 39 जन संपर्क केंद्रों के माध्यम से आयोजित की जाती हैं। 1942 में स्थापित सीएसआईआर ने हाल ही में अपना 80 वां वर्ष पूरा किया है और अपने लंबे इतिहास में, सीएसआईआर ने बड़े पैमाने पर भारतीय उद्योग और समाज में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, सीएसआईआर प्रयोगशालाओं ने महामारी के प्रबंधन के लिए कई प्रौद्योगिकियों का विकास किया।

वित्त सचिव और सचिव व्यय डॉ. टीवी सोमनाथन, सचिव, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा मंत्रालय, डॉ. अजय कुमार, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, श्री के. संजय मूर्ति, सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, डॉ. राजीव बहल, सचिव, कृषि अनुसंधान शिक्षा विभाग (डीएआरई),डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव, रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग (डीडीआरडी) और अध्यक्ष, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), डॉ. समीर वी कामत,  सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, डॉ. श्रीवरी चंद्रशेखर, सचिव, डीएसआईआर और महानिदेश, सीएसआईआर, डॉ. एन. कलाइसेल्वी, सचिव पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, डॉ राजेश एस गोखले, सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग और अध्यक्ष, परमाणु ऊर्जा आयोग,  श्री केएन व्यास, सचिव, विभाग अंतरिक्ष और अध्यक्ष, अंतरिक्ष आयोग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, श्री एस सोमनाथ, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय तापीय विद्युत निगम लिमिटेड, श्री गुरदीप सिंह, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल),श्री सी.बी. अनंतकृष्णन,  डॉ नलिन सिंघल, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) श्री संदीप कुमार गुप्ता, गैस अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (जीएआईएल), प्रो. अजय कुमार सूद, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. के. विजयराघवन, भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, डॉ. विजय भटकर, प्रख्यात वैज्ञानिक, श्री बाबा ए. कल्याणी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, कल्याणी ग्रुप, भारत फोर्ज लिमिटेड कल सीएसआईआर सोसाइटी की बैठक में शामिल होने वाले कुछ मुख्य प्रतिभागी हैं।

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