दिल्‍ली के राजपथ पर नहीं दिखेगी दिल्‍ली और बंगाल की झांकी

नई दिल्‍ली । इस बार राजपथ पर दिल्ली राज्य की झांकी परेड में शामिल नहीं होगी। 69वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार का सांस्‍कृतिक झांकी नहीं दिखेगी। इस बीच देशभर में गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं ।

दरअसल, दिल्‍ली सरकार ने रक्षा मंत्रालय को झांकी का प्रपोजल भेजने में विलंब किया है। इसके चलते उनकी झांकी को शामिल नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार में आर्ट, कल्चर विभाग में डिप्टी सेकेट्ररी सिंधु मिश्रा ने इस खबर की पुष्टि की है।

उधर, इस मामले पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार को घेरा है। उन्‍होंने कहा कि केजरीवाल सरकार अपने एजुकेशन सिस्टम को हाइलाइट करना चाहती है, इसी कारण उनका प्रपोज़ल रद हुआ है। कपिल का कहना है कि पिछली बार भी उन्होंने ऐसी ही झांकी पेश की थी, इसलिए झांकी रिपीट होने के कारण ऐसा हुआ है।

राजपथ पर नहीं दिखेगी बंगाल की झांकी

पश्चिम बंगाल की झांकी को भी जगह नहीं मिल पाई है। इसका मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से विरोध जताया है। गणतंत्र दिवस परेड में एकता की थीम पर आधारित राज्य की झांकी शामिल नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। बंगाल के हर आस्था को साथ लेकर चलने के यकीन का जिक्र करते हुए ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा धर्म के आधार पर लोगों को बांट रही है।

आसियान देशों के 10 राष्ट्रध्यक्ष एक साथ राजपथ पर होंगे

69 वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ की परेड बहुत मायनों में खास होगी। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि आसियान देशों के 10 राष्ट्रध्यक्ष एक साथ राजपथ पर भारतीय संस्कृति की समृद्ध परम्परा और विकास की झलक देखेंगे।

पहली बार आसियान देशों के कलाकार एक साथ मिलकर महाकाव्य ‘रामायण’ का मंचन करेंगे। इतना ही नहीं, राजपथ पर साबरमती आश्रम के सौ वर्ष की कहानी बयां करती झांकी भी देश-दुनिया के दर्शकों को आकर्षित करेगी।

आसियान देशों की झांकी में सीता स्वयंवर, राम वनवास, अशोक वाटिका, समुद्र पर सेतु का निर्माण, राम-रावण युद्ध, श्रीराम के बाणों की टंकार और हनुमान द्वारा आकाश मार्ग से संजीवनी बूटी लाने के प्रसंग जहां चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित होंगे। वहीं इन राम, लक्ष्मण, सीता, रावण, हनुमान, जटायु इत्यादि विभिन्न पात्र लीला भी मंचित करते नजर आएंगे।

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