राणा कपूर के पास 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश दस्तावेज, फर्जी कंपनियों की जानकारी मिली

  • यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं
  • राणा कपूर से लंबी पूछताछ के बाद ईडी के अधिकारियों ने कपूर के वरली के समुद्र महल इमारत में स्थित घर की भी तलाशी ली।
  • ईडी के रडार पर 44 महंगी पेंटिंग भी हैं

 

न्यूज़ डेस्क : यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। राणा कपूर से लंबी पूछताछ के बाद ईडी के अधिकारियों ने कपूर के वरली के समुद्र महल इमारत में स्थित घर की भी तलाशी ली।

 

तलाशी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। इसमें 2,000 करोड़ रुपये मूल्य के निवेश दस्तावेज, 44 महंगी पेंटिंग और दर्जनों से ज्यादा फर्जी कंपनियों की जानकारी मिली है। इन कंपनियों की मदद से राणा कपूर और उनके परिवार को पैसा ट्रांसफर किया जा रहा था।

ईडी फिलहाल उस स्रोत का पता लगाने में जुटी है, जहां से पैसे आए और लंदन में संपत्ति खरीदी गई। ईडी के रडार पर 44 महंगी पेंटिंग भी हैं। इनमें से ज्यादातर राजनेताओं के हैं। ईडी के अधिकारी जानना चाहते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था कि नवंबर 2019 में राणा कपूर ने यस बैंक में अपने पूरे शेयर बेच दिए, जबकि वह बार-बार कहता आ रहा था कि यस बैंक में कभी भी अपना शेयर नहीं बेचेगा।

राणा ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), अनिल अंबानी समूह, वोडाफोन, कैफे कॉफी डे जैसी कंपनियों को लोन दिया और बाद में ज्यादातर लोन डूबा हुआ कर्ज यानी एनपीए हो गया। आरोप है कि कपूर ने डीएचएफएल को यस बैंस से 4,450 करोड़ रुपये का कर्ज दिलाने में मदद की थी। बदले में कपूर और उनकी दो बेटियों की फर्जी कंपनी ड्वॉयट अर्बन वेंचर्स को डीएचएफएल से 600 करोड़ रुपये मिले थे।

ईडी के मुताबिक यस बैंक ने डीएचएफएल को 3750 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था जबकि उसी की स्वामित्व वाली आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स को भी 750 करोड़ रुपये दिए गए थे। कर्ज की किश्त वापस करने के लिए यस बैंक ने कोई कार्रवाई नहीं की। ईडी को संदेह है कि डीएचएफएल ने कुल 13 हजार करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। इसके लिए 79 कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। कपूर और उसके दो बेटियों की फर्जी कपनी को दिए गए पैसे भी इसी का हिस्सा था।

 

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