मुंह के कैंसर पर इंडोको रेमेडीज लिमिटेड द्वारा देशभर में जन जागरूकता अभियान

  • 27 जुलाई से ‘मुँह के कैंसर की प्रारंभिक जांच’ अभियान सम्पूर्ण भारत में आयोजित किया जा रहा है

इंदौर, 20 जुलाई 2018: कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जो कई तरह का होता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है। कैंसर के सभी प्रकारों में मुँह का कैंसर सबसे आम है और लगभग 50 प्रतिशत कैंसर सिर और गर्दन के हिस्से में पाया जाता है। इनमें से 80 प्रतिशत मामलों में कैंसर अंतिम अवस्था में पहचाना जाता है, जिससे उसका इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है। भारत में सभी प्रकार के कैंसर में से सबसे अधिक मृत्यु, मुँह के कैंसर के कारण होती है। इसकी शुरुआत मुँह में छाले से होती है जो आसानी से ठीक नहीं होते। इसमें होंठ, जीभ, गाल, कठोर और मुलायम तालू, साइनस और फेरनक्स (गले) के कैंसर शामिल हैं, और अगर समय रहते इनकी पहचान और इलाज नहीं होता, तो यह जीवन के लिए  खतरनाक हो सकते हैं।

 

इंडोको रेमेडीज़ लिमिटेड एक रिसर्च फ़ार्मा कंपनी हैं, जिसका मुख्यालय मुम्बई में है। इस कंपनी ने वर्ल्ड हेड एंड नैक कैंसर डे के अवसर पर 27 जुलाई 2018 को मुंबई में ‘मुँह के कैंसर की प्रारंभिक जांच’ अभियान की घोषणा की। यह अभियान हेल्थ केयर विशेषज्ञों की सहायता से सम्पूर्ण भारत में आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में इंदौर में 20 जुलाई 2018 को एक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. अरुण अग्रवाल, कैंसर रोग विशेषज्ञ, इंदौर और इंडोको से, श्री समीर दैनी, सीनियर डेप्युटी जनरल मैनेजर, कॉर्पोरेट रिलेशन ने मुँह के कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने और इसकी रोकथाम के महत्व को समझाते हुए उपस्थित लोगों को संबोधित किया।

 

डॉ. अरुण अग्रवाल, कैंसर रोग विशेषज्ञ, इंदौर ने बताया कि –“मुँह का कैंसर भारत में आम हैं। यह पुरुषों में लगभग 46% एवं महिलाओं में 15% पाया गया है। 90- 97% मुँह का कैंसर तम्बाकू के किसी भी रूप में उपयोग के कारण होता है जैसे सिगरेट, गुटका, शीशा, सुपारी, पान मसाला आदि। यह उन लोगों में भी पाया जाता है जो अल्कोहल अधिक लेते है। हालांकि किसी भी स्तर पर मुँह के कैंसर का इलाज किया जा सकता है। लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इसका पता अंतिम अवस्था में चलता है जिसकी वजह से बचाव मुश्किल हो जाता है। लेकिन प्रारंभिक अवस्था में ही इसका पता लगा लिया जाए तो उपचार एवं बचाव की संभावना बढ़ जाती है। उन्होने लोगों से आग्रह किया है कि तंबाकू और उससे बनी चीजों से दूर रहे एवं हरी सब्जियाँ, फलों का सेवन अधिक से अधिक करें और स्वस्थ रहें।”

 

प्रारंभिक अवस्था में मुँह के कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, इंडोको रेमेडीज़ अपनी एक मार्केटिंग डिवीज़न ‘वारेन नेक्सजेन’ द्वारा, कैंसर विशेषज्ञों के लिए देशभर में स्पेशल सेमिनार का आयोजन कर रही है। इसके बाद, ये विशेषज्ञ सक्रिय रूप से मुँह के कैंसर के शुरुआती पहचान करेंगें और ऐसे लोग जिनमें मुँह के कैंसर के लक्षण पाए गए है उन्हें ट्रीटमेंट की उचित सलाह देगें। विभिन्न शहरों की एक बड़ी जनसंख्या इस घातक बीमारी से पीड़ित पाई गई है। मुँह के कैंसर की स्वयं पहचान के लिए रोगियों को शिक्षा देने हेतु जानकारी भी विकसित की गई है जिसे विभिन्न माध्यम से आम जनता तक पहुँचाया जायेगा।

इंडोको रेमेडीज लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीमति अदिती कारे पानंदीकर के अनुसार, “इंडोको रोगियों तथा चिकित्सा जगत के संस्थाओं मे जागरूकता फ़ैलाने के लिए प्रतिबद्ध है, तथा प्रारंभिक अवस्था मुँह के कैंसर की जाँच के लिए विभिन्न स्तर पर कंपनी प्रयास करेगी।

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