प्रदेश सरकार उद्योगों में स्थानीय लोगों को देगी रोजगार शिवराज सरकार ने हटा दी थी

भोपाल। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त को हटा दिया था, लेकिन प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनते ही उन्होंने यह शर्त फिर से लागू कर दी है। मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर ही उद्योगों को प्रोत्साहन देने का जो फैसला किया, वह मप्र की उद्योग संवर्धन नीति में पहले से था। शिवराज सरकार द्वारा अलग-अलग समय में लाई गई उद्योग नीति में यह प्रावधान किया गया था, लेकिन 2014 में लाई गई उद्योग नीति में यह शर्त हटा दी गई थी।

उद्योग विभाग के सूत्रों के मुताबिक मप्र की उद्योग नीति में उद्योगों को 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने का प्रावधान था। कई बार सरकार को उद्योगों से यह शिकायत मिली कि इस प्रावधान से व्यवहारिक कठिनाइयां आ रही हैं।भोपाल (ईएमएस)। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने की शर्त को हटा दिया था, लेकिन प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनते ही उन्होंने यह शर्त फिर से लागू कर दी है।

मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने पर ही उद्योगों को प्रोत्साहन देने का जो फैसला किया, वह मप्र की उद्योग संवर्धन नीति में पहले से था। शिवराज सरकार द्वारा अलग-अलग समय में लाई गई उद्योग नीति में यह प्रावधान किया गया था, लेकिन 2014 में लाई गई उद्योग नीति में यह शर्त हटा दी गई थी। उद्योग विभाग के सूत्रों के मुताबिक मप्र की उद्योग नीति में उद्योगों को 50 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने का प्रावधान था। कई बार सरकार को उद्योगों से यह शिकायत मिली कि इस प्रावधान से व्यवहारिक कठिनाइयां आ रही हैं। राज्य सरकार ने इसके बाद उद्योग नीति में कौशल विकास को जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को रोजगार देने की अनिवार्यता की शर्त हटा दी थी।

इससे कई उद्योग सबसिडी के लिए पात्र हो गए थे। अब राज्य सरकार ने एक बार फिर यह शर्त जोड़ दी है और स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत ज्यादा बढ़ा दिया है। कमलनाथ के इस फैसले से उद्योग जगत बहुत ज्यादा खुश नहीं है। प्रदेश के उद्योगपतियों ने प्रदेश सरकार के इस फैसले का यह कहते हुए विरोध किया है कि पहले मप्र सरकार को यह फैसला करना चाहिए कि राज्य सरकार मप्र में बने उत्पाद ही खरीदेगी। उदाहरण के तौर पर बिजली के खंभे और इलेक्ट्रिफिकेशन का सामान बिजली कंपनियां आंध्रप्रदेश से खरीदती हैं, इससे मप्र के उद्योगों को लाभ नहीं मिल पाता। सीआईआई के पदाधिकारी और उद्योगपति सीपी शर्मा ने कहा कि इस तरह के फैसलों का तब तक कोई मतलब नहीं है, जब तक उद्योगों को खड़ा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जाते।

Comments are closed.