किसानों को तोहफाः उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक की एकमुश्त समाधान योजना

लखनऊ । एक लाख रुपये तक के फसली ऋण का 36 हजार करोड़ माफ कर चुकी सरकार ने किसानों को एक और तोहफा दिया है। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड से दीर्घकालीन कर्ज लेने वाले किसानों को बकाया चुकाने के लिए सरकार ने बुधवार से एक मुश्त समाधान योजना शुरू की है। यह योजना 31 जनवरी 2019 तक चलेगी और इसमें दो लाख 63 हजार 510 किसान लाभान्वित होंगे।

सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने बुधवार को पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फसल ऋण मोचन योजना-2018 में निवेश ऋण को शामिल किया गया है। ऐसे किसान जो उप्र सहकारी ग्राम विकास बैंक से दीर्घकालीन एवं मध्यकालीन निवेश ऋण प्राप्त किये हैं और किसी कारणवश अपना बकाया अदा नहीं कर पाये हैं उनके लिए ही यह योजना लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत आने वाले किसानों पर कुल 2542.43 करोड़ रुपये बकाया है।

इसमें मूलधन 1028.52 करोड़ एवं ब्याज 1503 करोड़ रुपये हैं। वर्मा के मुताबिक इसके लिए तीन श्रेणी निर्धारित की गई है। इसमें 31 मार्च 1997 से पहले वितरित कर्ज के बकायेदार किसानों को केवल मूलधन देना होगा। उनका सभी ब्याज माफ कर दिया जाएगा। एक अप्रैल 1997 को या उसके बाद 31 मार्च 2007 तक के मध्य कर्ज लेने वाले किसान, जो 30 जून 2017 को बकायेदार हो गये हैं, उन्हें श्रेणी दो में शामिल किया गया है। इन किसानों से दिए गये कर्ज के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली की गई है तो उनसे अवशेष मूलधन लिया जाएगा।

जिन मामलों में कर्जराशि से कम ब्याज की वसूली की गई है उनमें पूर्व में वसूल किये गये ब्याज को घटाते हुए अवशेष ब्याज व अवशेष मूलधन की वसूली की जायेगी। श्रेणी तीन में एक अप्रैल 2007 के बाद 31 मार्च 2012 तक के मध्य कर्ज लेने वाले किसान हैं जो 30 जून, 2017 को बकायेदार हो गए हैं। ऐसे में बकायेदार किसानों पर देय समस्त मूलधन की शत-प्रतिशत वसूली की जाएगी।

योजना के शुरू होने की तारीख से 31 जुलाई तक के मध्य समझौता कर खाता बंद करते हैं तो ब्याज में 50 फीसद की छूट अनुमन्य की जाएगी। एक अगस्त 2018 से 31 अक्टूबर 2018 के मध्य समझौता कर खाता बंद करते हैं तो ब्याज में 40 फीसद और एक नवंबर 2108 से दिनांक 31 जनवरी 2019 तक समझौता कर खाता बंद करने पर 35 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की जाएगी।

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