अफसरों में फूट, केजरीवाल बोले- जिद्दी हो सकता हूं लेकिन हिंसात्मक नहीं

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के कथित थप्पड़ कांड पर पहली बार खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा ‘ये जो आरोप लगाया गया है कि मारा पीटा….केजरीवाल ज़िद्दी हो सकता है, हिंसात्मक नही हो सकता. हिंसा कभी नहीं करेंगे हम लोग मारपीट कायर लोग करते हैं. केजरीवाल कायर नहीं है हम कभी मारपीट नही करेंगे.’

केजरीवाल ने कहा कि अगर हमें पिटवाना होता तो मैं इतना बेवकूफ नहीं कि अपने घर बुलाकर किसी को पिटवाऊं. अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को एक षड्यंत्र बताया और कहा कि हमारे ख़िलाफ़ पिछले 3-4 साल से षड्यंत्र चल रहे हैं.

केजरीवाल के इस बयान के बाद इस बैठक में मौजूद दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह ने अपने पुराने अड़ियल रुख में नरमी दिखाई और कहा कि ‘बातचीत ही सबसे बढ़िया ज़रिया है इस खींचतान को खत्म करने का. मुख्यमंत्री पहले ही कर्मचारियों को आश्वासन दे चुके हैं कि वो बातचीत का माहौल तैयार करने और कर्मचारियों के सम्मान और सुरक्षा पर अपने वादे पूरे करने को तैयार हैं. ऐसे में कमर्चारियों की परिषद सभी तरह के सहयोग को तैयार है.’

आपको बता दें कि ये वही डीएन सिंह हैं जिन्होंने 20 फरवरी को मुख्य सचिव मामले के प्रकाश में आते ही एलजी से जाकर शिकायत की थी और सबसे पहले केजरीवाल के ख़िलाफ़ झंडा बुलंद करते हुए हड़ताल की घोषणा कर दी थी.

अधिकारियों में फूट की खबर फैलते ही अधिकारियों के जॉइंट फोरम ने बयान जारी करके कहा कि ‘फोरम पूरे तरह से एक है और ऐसे लोगों की कड़ी निंदा करता है जो ऐसे बात फैला रहे हैं कि फोरम ने अपना स्टैंड कुछ बदला या हल्का किया है. फोरम आज भी सीएम की लिखित माफ़ी की मांग पर कायम है.’ इसी के साथ ही केजरीवाल के पक्ष में अफसरों के स्टैंड बदलाव लाने की बात कहने वाले दिल्ली सरकार कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष डीएन सिंह को एसोसिएशन से सस्पेंड कर दिया गया.

Comments are closed.