कासगंज जैसी एक नहीं अनेक वाददातों से सहमा यूपी, कहां है कानून का राजः अखिलेश

लखनऊ । कासगंज में घर में घुसकर तीन लोगों की हत्या, काशी में दिनदहाड़े हत्या, इलाहाबाद में वकील की हत्या, चंदौली में राज्य महिला आयोग सदस्य की हत्या, बागपत की दो बहनों को पढ़ाइ छोड़ देना, कानपुर में हत्या पर एफआइआर न दर्ज करना ऐसी एक नहीं अनेक वारदातों से उत्तर प्रदेश सहम गया है। पूरे राज्य में आक्रोशित अधिवक्ता हड़ताल पर चले गए हैं। राज्य में दहशत का माहौल व्याप्त है। राज्य के इस तरह के हालात देख सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि आखिर कानून का राज कहां है?

विफल सरकार पर सपा के सवाल

अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री का दावा है कि एनकाउंटर से रामराज स्थापित होता है जबकि अपराधी खुलेआम गंभीर से गंभीर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में असामयिक घटनाओं के मृतक परिवारों को 50-50 लाख रुपये भाजपा सरकार मुआवजा दे। अखिलेश ने मुख्यमंत्री के विलंब से सीतापुर जाने पर भी तंज किया कि भला उन्हें इसके लिए फुरसत तो मिली। सपा ने बच्चों की जान बचाने में विफल सरकार पर सवाल खड़े किए तब वह सीतापुर पहुंचे।

राज्य में दहशत का माहौल

अखिलेश ने कहा कि बनारस के सिंधिया घाट पर सपा नेता प्रभु साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इलाहाबाद में मुख्य सचिव और डीजीपी के मौजूद रहते अधिवक्ता को गोली मार दी गई। कासगंज में घर में घुसकर तीन व्यक्तियों की हत्या कर दी गई। इतनी घटनाओं पर भी राजभवन की चुप्पी आश्चर्यजनक है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दहशत का माहौल व्याप्त है। साथी की हत्या से आक्रोशित अधिवक्ता इलाहाबाद सहित पूरे राज्य में हड़ताल पर हैं। बागपत में दो बहनों ने स्कूल तो जाना छोड़ ही दिया है, अब वे घर से बाहर भी नही निकल पा रही हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष के बेटे पर लड़कियों को प्रताडि़त करने का आरोप है। कानपुर में किशोरी की हत्या और पीडि़ता की एफआइआर तक दर्ज नही किया जाना शासन-प्रशासन की अकर्मण्यता को उजागर कर रहा है।

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