सरकारी खजाने से आतंकियों की कर रहे थे मदद, अब NIA के शिकंजे में 3 सीनियर अधिकारी

नई दिल्ली: एनआईए ने सरकारी खजाने से जालसाजी कर एनएससीएन-के जैसे आतंकी समूहों को कथित वित्तीय मदद करने की जांच के मामले में नगालैंड सरकार के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक प्रवक्ता ने बताया कि कृषि निदेशालय के निदेशक जी इकूटो, ग्रामीण विकास निदेशालय में कार्यकारी इंजीनियर कीटूजो पेसीई और शहरी विकास निदेशालय के संभागीय लेखा अधिकारी संगतेमचूबा को दीमापुर से गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि तीनों अधिकारी कोहिमा में पदस्थापित हैं और कल उन्हें विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.

मामला प्रतिबंधित आतंकी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खापलांग) के नाम पर दीमापुर और कोहिमा में विभिन्न सरकारी संगठनों और अन्य से बड़े पैमाने पर फिरौती और अवैध कर वसूली के आरोपों से जुड़ा है. एनआईए ने कहा है कि एनएससीएन-के स्वयंभू ब्रिगेडियर इसाक सूमी और संगठन के अन्य वरिष्ठ कैडरों के निर्देश के तहत यह अवैध गतिविधि अंजाम दी गई. प्रवक्ता ने कहा कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एनएससीएन-के को वित्तीय मदद प्रदान की.

इस साल 18 जनवरी को आरोप- पत्र दायर करते वक्त एनआईए ने आठ इकबालिया बयानों को जोड़ दिया और ये इकबालिया बयान देने वालों का कूट नाम चार्ली, रोमियो, अल्फा, पॉटर, पाइ, हैरी और गामा रखा. एक अज्ञात व्यक्ति ने भी इकबालिया बयान दिया है. एनआईए अधिकारियों का मानना है कि दर्ज किए गए इकबालिया बयानों से इस मामले में दोषियों को सजा दिलाने में काफी मदद मिल सकती है.

बीते साल 30 मई को कश्मीर घाटी में अलगाववादियों के खिलाफ केस दर्ज करने वाली एनआईए ने कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण से जुड़े मामले में आरोपी आठ लोगों से इस बाबत इकबालिया बयान हासिल करने में कामयाबी पाई कि पैसे कहां से आए और कहां को गए.

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