मगध-आम्रपाली परियोजना बाइक और कार से ढोया हजारों टन कोयला

चतरा : बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाले की तर्ज पर कोयला भी बाइक और कार से खुलेआम मगध और आम्रपाली में ढोया गया है। मगध और आम्रपाली में दो कोल ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने लगातार चार माह तक बाइक और कार से कोयला ढोने का मामला प्रकाश में आया है।

टेरर फंडिंग को लेकर सुर्खियों में रहने वाला आम्रपाली एक बार फिर कोयला ढुलाई को लेकर सुर्खियों में आ चुका है। इस प्रकार गैर व्यवसायिक वाहनों से कोयला ढोकर कंपनियों ने सीसीएल के बाबूओं की भूमिका को संदेह के घेरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी अजित कुमार के बयान के आधार पर टंडवा थानाकांड संख्या 195-18 में दो कोल कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

इसमें ललितपुर पावर जेनेरेशन लिमिटेड एवं मेसर्स जीभीके पावर गोविन्द लाल साहिब लिमिटेड के नाम शामिल है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मगध एवं आम्रपाली में पिछले माह 18 अप्रैल से 18 अगस्त तक गैर व्यवसायिक वाहनों से कोयला ढोया गया है। इस मामले में 298 संदिग्ध वाहनों की सूची प्राथमिकी में जमा की गई है।

बताया गया कि परियोजना में सरकार के लगे जिम्स प्रणाली कोयला के ई-परिवहन चालानों की जांच में यह खुलासा हुआ है। बहरहाल इस प्राथमिकी के बाद एक बार फिर आम्रपाली और मगध में कोयला कारोबार से जूड़े कारोबारियों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।

एसडीपीओ आशुतोष कुमार सत्यम ने प्राथमिकी की पुष्टि करते हुए कहा कि कांड के अनुसंधान में जो भी दोषी होने वे सीधा जेल जाने वाले है। जिला खनन पदाधिकारी अजित कुमार ने कांड संख्या 195 में कहा है कि मेसर्स सीसीएल के मगध और आम्रपाली परियोजना से डेलवरी आर्डर होल्डर को कोल आपू्त्तित के लिए बिक्री आदेश निर्गत किया जाता है।

डेलवरी ऑर्डर होल्डर, ट्रांस्पोर्टरस, और लिफटर द्वारा कोयला ढोने में जिन गाडियों का इस्तेमाल किया गया उसमें उसका नंबर मोटरसाइकिल, मोटर कार एवं तीन पहिए वाहन पाये जाने की सूचना है। जो स्प्ष्ट रूप से अवैध है।

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