जानें क्यों हुआ वाराणसी से तेज़ बहादुर यादव का नामांकन रद्द

समाजवादी पार्टी (सपा) के चुनाव चिन्ह पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र नामांकन करने वाले बीएसएफ के पूर्व जवान तेज़ बहादुर यादव का नामांकन रद्द कर दिया है। यादव ने कहा कि जिला निवार्चन अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दवाब में आकर उनका नामांकन पत्र खारिज किया है। जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र कुमार के अनुसार तेज बहादुर को 11 बजे तक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना था लेकिन दोपहर तीन बजे तक भी नहीं ला सके। इसलिए उनका प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया है। 

 

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि तेज बहादुर ने दो नामांकन दिए थे कोई भी व्यक्ति जो केन्द्र या राज्य में नौकरी कर रहा हो और उससे बर्खास्त किया गया हो तो उसे ऐसे मामलों में सर्टिफिकेट देना होता है। ऐसा तब होता है जब बर्खास्तगी को पांच साल ना हुए हो। ऐसे सभी मामलों में बाध्य है कि उम्मीदवार को सर्टिफिकेट देना होगा है। उन्होंने बताया कि इस सर्टिफिकेट का एक फॉर्मेट होता है जो चुनाव आयोग को देना होता है कि वह भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के चलते बर्खास्त नहीं हुआ। हमने उन्हें 11 बजे तक का मौका दिया लेकिन उन्होंने इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं दिया और उसके अभाव में उनका नामांकन रद्द कर दिया।

 

वाराणसी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और पीएम मोदी (PM Modi) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बर्खास्त जवान तेज बहादुर (Tej Bahadur) ने बताया है कि बीएसएफ ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र भेजा है। इसके खिलाफ सपा कार्यकर्ताओं ने यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं तेज बहादुर यादव के प्रस्तावक मनोज राय धूमचंडी ने पीएम मोदी एवं चुनाव आयोग पर तानाशही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटयेगी।  हालांकि, सपा प्रत्याशी के तौर पर शालिनी यादव ने भी नामांकन पत्र भरा है। उनका नामांकन वैध पाया गया है।

 

गौरतलब है कि निर्वाचन अधिकारी मंगलवार को बहादुर को नोटिस जारी कर अपनी बर्खास्तगी से संबंधित उचित दस्तावेज के साथ स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुधवार पूवार्ह्न 11 बजे तक का समय दिया था। यादव ने अलग-अलग दो बार नामांकन पत्र दाखिल किया था। उन्होंने निर्दलीय एवं सपा के चुनाव चिन्ह के साथ नामांकन किया। दोनों पर्चों में उनके बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में अलग-अगल जानकारी दी गई है। जिला निवार्चन अधिकारी ने यादव को नोटिस जारी कर निवार्चन आयोग से अनापत्ति प्रमण पत्र देने के लिए कहा था। हालांकि, सपा की ओर से हाल ही में कांग्रेस से आयीं शालिनी यादव ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया है तथा उनके नामांकन पत्र वैध पाये गए हैं। 

 

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