जाने, भद्रा में क्यों नहीं बाँधी जाती राखी, जानिए राखी बाँधने का शुभ मुहूर्त

न्यूज़ डेस्क : हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 03 अगस्त, सोमवार को है। रक्षाबंधन का त्योहार  बहन और भाई के आपसी प्रेम और स्नेह का त्योहार है। इस पर्व में बहनें अपने भाईयों की कलाई में राखी बांधती है। रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने के समय भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार भद्राकाल में राखी बांधना शुभ नहीं होता है। इसलिए रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल में विशेष ध्यान दिया जाता है। मान्यता है कि भद्राकाल में किसी भी तरह के शुभ कार्य करने पर उसमें सफलता नहीं मिलती है। 

 

 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने के पीछे एक कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार लंका के राजा रावण ने अपनी बहन से भद्रा के समय ही राखी बंधवाई थी। भद्राकाल में राखी बाधने के कारण ही रावण का सर्वनाश हुआ था। इसी मान्यता के आधार पर जब भी भद्रा लगी रहती है उस समय बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी नहीं बांधती है। इसके अलावा भद्राकाल में भगवान शिव तांडव नृत्य करते हैं इस कारण से भी भद्रा में शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

 

 

वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार भद्रा शनिदेव की बहन है। भद्रा शनिदेव की तरह उग्र स्वभाव की हैं। भद्रा को ब्रह्रााजी ने शाप दिया कि जो भी भद्राकाल में किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करेगा उसमें उसे सफलता नहीं मिलेगी। भद्रा के अलावा राहुकाल में भी किसी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। शास्त्रों में रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा रहित समय में करने का विधान है। इस कारण से इस बार 3 अगस्त को भद्रा का विशेष ध्यान रखें और भद्रा की समाप्ति के बाद ही राखी बांधे। भद्रारहित काल में भाई की कलाई में राखी बांधने से भाई को कार्य सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।

 

 

3 अगस्त को भद्राकाल

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 3 अगस्त को सोमवार और सोम का ही नक्षत्र होने रक्षाबंधन का मुहूर्त बहुत ही शुभ रहेगा।सुबह 07 बजकर 18 मिनट पर सूर्य का नक्षत्र उत्तराषाढा़ समाप्त हो रहा है और चन्द्र के नक्षत्र श्रवण आरम्भ होगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल ज्यादा देर के लिए नहीं रहेगा। 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक ही भद्रा रहेगी उसके बाद भद्रा खत्म हो जाएगी।। भद्रा की समाप्ति के बाद पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है।

 

3 अगस्त को राहुकाल 

राहुकाल में भी किसी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसलिए भद्रा के साथ राहुकाल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन राहुकाल का समय सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक रहेगा। 

 

राखी बांधने का मुहूर्त 

 09:30 मिनट से 21:11 मिनट तक

अवधि : 11 घंटे 43 मिनट

 

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