EC के सामने ये 22 जवाब बने घातक, जिन्होंने ले ली केजरीवाल के 21 विधायकों की बलि

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) 20 विधायकों की सदस्यता जाने पर भले ही चुनाव आयोग, केंद्र सरकार पर आरोप लगाकर राजनीति कर रही हो, लेकिन केजरीवाल सरकार का जवाब ही विधायकों की सदस्यता समाप्त होने की ताबूत में आखिरी कील साबित हुई।

AAP सरकार के मुख्य सचिव केके शर्मा द्वारा चुनाव आयोग को दिए जवाब में 22 प्वाइंट ऐसे थे, जो साबित करते हैं कि विधायकों ने संसदीय सचिव की हैसियत से लाभ लिए।

मुख्य सचिव ने जवाब में कहा था कि संसदीय सचिव की हैसियत से विधायक मदन लाल को नेहरू होम्योपैथिक अस्पताल में कार्यालय दिया गया। अवतार सिंह कालका को श्रम विभाग द्वारा कार्यालय दिया गया।

जल बोर्ड द्वारा प्रवीण कुमार, शरद चौहान, आदर्श शास्त्री, मदन लाल, सरिता सिंह व मनोज कुमार को कार्यालय के लिए एक-एक कमरे दिए गए। नरेश यादव, जरनैल सिंह, राजेश ऋषि को जल बोर्ड द्वारा दो-दो कमरे दिए गए।

तिगड़ी खानपुर में मंडी के विकास के लिए गठित की गई कमेटी का विधायक जरनैल सिंह ने संसदीय सचिव की हैसियत से नेतृत्व किया। विधायक सोमदत्त ने दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं ढांचागत विकास निगम की बैठक में भाग लिया। विधायक सोमदत्त, राजेश गुप्ता, सुखबीर दलाल ऊर्जा विभाग द्वारा स्ट्रीट लाइटों के लिए पुन: तैयार की जाने वाली कमेटी की बैठक में भाग लिया।

नरेश यादव ने श्रम मंत्री के साथ घरेलू नौकरों के लिए आयोजित बैठक में भाग लिया। संजीव झा ने डीटीसी की बैठक, अलका लांबा ने पर्यटन विभाग तथा मनोज कुमार ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की बैठकों में भाग लिया।

प्रवीण कुमार ने उपमुख्यमंत्री के साथ बैठक की तथा शिवचरण गोयल ने व्यापार एवं कर विभाग के कार्यक्रम में भाग लिया। आदर्श शास्त्री ने वाई फाई योजना की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के साथ भाग लिया।

विकास मंत्री की अनुपस्थिति में 27 जून 2016 को जरनैल सिंह ने बैठक ली। इसके अलावा इनके कार्यालय के लिए संसाधन जुटाने में लोक निर्माण विभाग के 15 लाख 49 हजार 699 रुपये खर्च हुए।

Comments are closed.