Case Study-इंदौर के कॉलेज पर इंदौरी स्टूडेंट का कब्जा नहीं

इंदौर के कॉलेज पर इंदौरी स्टूडेंट का कब्जा नहीं
स्वच्छता में नंबर वन बनने का भी हुआ असर, कोर ब्रांच में अधिक रूचि, एसजीएसआईटीएस की फस्र्ट की बैच शुरु
इंदौर। इस बार इंजीनियरिंग में इंदौर के स्टूडेंट का कब्जा प्रदेश के सबसे बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस में कम होता नजर आ रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कॉलेज में फस्र्ट ईयर में करीब 450 स्टूडेंट्स ने एडमिशन लिया है इनमें से 350 स्टूडेंट की एप्लीकेशन होस्टल के लिए प्रबंधन को प्राप्त हुई है। दरअसल फस्र्ट की क्लास शुरु हो गई है, लेकिन जब इतनी एप्लीकेशन प्रबंधन को प्राप्त हुई तो अधिकारियों के लिए खुद यह सोचने का विषय बन गया। जानकारों के मुताबिक देश में स्वच्छता में नंबर वन बनने का असर भी हुआ है। 
कुशलता की बहुत कमी
इस बार स्टूडेंट्स ने क्वालिटी के साथ-साथ संस्थान को अधिक महत्व दिया है। ऐसे कई उदाहरण देखे जा सकते है प्रदेश के स्टूडेंट्स में कि उन्हें उनके ही शहर में अच्छे कॉलेज मिल रहे थे इसके बावजूद उन्होंने क्वालिटी को महत्व देते हुए इंदौर को चुना। हालांकि आईआईटी व एनआईटी की सीट बढऩे के बाद इंदौर के कई स्टूडेंट्स ने वहां का रूख कर लिया है। जानकारों का कहना हैं कुछ समय पहले सर्वे में खुलासा हुआ था कि देश के 80 प्रतिशत इंजीनियरिंग स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। उनमें कुशलता की बहुत कमी है। देशभर में शैक्षणिक संस्थान लाखों युवाओं को प्रशिक्षित करते है लेकिन संस्थानों से निकले स्टूडेंट रोजगार के लिए तैयार नहीं होते। एस्पाइरिंग माइंडस की नेशनल इम्प्लॉयबिलिटी रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट में शैक्षणिक एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम को उन्नत बनाने की बात पर जोर दिया गया है। 
आईटी को कम प्राथमिकता, कोर ब्रांच का रूझान अधिक
प्रदेश के सबसे बड़े इंजीनियिरंग कॉलेज एसजीएसआईटीएस में नए स्टूडेंट्स के वेलकम के लिए एक प्रोग्राम भी आयोजित किया गया है। कुल 11 सेक्शन के सभी ब्रांच के स्टूडेंट्स का एकसाथ प्रोग्राम रखा गया है। इस बार स्टूडेंट्स का रूझान कोर ब्रांच सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और कम्प्यूटर की ओर अधिक रहा है। आईटी को कम प्राथमिकता देखने को मिल रही है। जानकारों का कहना हैं इस सेशन में लगता था कि कई आईटी कंपनी का इंदौर व आस-पास में आने का असर   आईटी ब्रांच के रूझान पर देखने को मिलेगा, लेकिन इस बार भी कोर ब्रांच को ही अधिक प्राथमिकता दी गई है। 
प्रदेशभर के स्टूडेंट की पहली प्राथमिकता एसजीएसआईटीएस
इस बार प्रदेशभर के स्टूडेंट्स ने पहली प्राथमिकता संस्थान को दी है। इंदौर के स्टूडेंट्स की संख्या इनमें कम है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि फस्र्ट की बैच शुरु हो गई है और करीब 350 एप्लीकेशन होस्टल के लिए मिली है। हमारे पास लगभग 250 की स्ट्रेंथ का होस्टल है। जबकि कई ऐसे स्टूडेंट्स ने भी एडमिशन लिया है जिन्हें अपने ही शहर में अच्छे कॉलेज आसानी से मिल रहे थे। स्वच्छता में नंबर वन आने के बाद भी स्टूडेंट्स का रूझान बढ़ा है। 
प्रो. राकेश सक्सेना, डायरेक्टर, एसजीएसआईटीएस
प्रबंधन को पैरेंट्स ने यह दिया फीडबैक-
-कमाल का दिख रहा है इंदौर। यहां की एसी बस में सफर और स्वच्छता देखकर ऐसा लगता है मानो सिंगापुर आ गए हो।
-शहर के साथ ही कॉलेज परिसर में सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। 
-इंदौर एजुकेशन हब तो है ही साथ ही सफाई में भी पूरे देश में इसका कोई तोड़ नहीं है।
-क्वालिटी एजुकेशन के साथ ही हमारे आस-पास का वातावरण भी रखता है महत्व।

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