हिमयुग के विलुप्त हो चुके जीव धरती पर फिर होंगे जिंदा

मॉस्को : हिमयुग के विलुप्त हो चुके जीव धरती पर फिर होंगे जिंदा होंगे, इसकी तैयारी वैज्ञानिकों शुरू कर दी है। आपने जो ‘जुरासिक पार्क’ श्रंखला की फिल्मों में देखा वैसे हाथी, घोड़े और शेर एक बार फिर सजीव हो उठेंगे। सुनकर कानों पर भले ही यकीन न हो रहा हो, लेकिन रूसी वैज्ञानिकों ने डीएनए अवशेषों से हिमयुग में मौजूद जीवों का क्लोन बनाने की तैयारियां तेज कर दी हैं।

खबरों के मुताबिक रूस याकुत्स्क प्रांत में एक विश्वस्तरीय क्लोन रिसर्च सेंटर खोलने जा रहा है। इसमें वैज्ञानिक 10 हजार साल पहले विलुप्त हो चुके हाथी, घोड़े, शेर और गैंडे सहित अन्य जीवों पर अध्ययन करेंगे। याकुत्स्क हीरो के विशाल भंडार के लिए मशहूर साखा गणराज्य की राजधानी है।

रूस में 10 से 20 हजार साल पहले अस्तित्व में रह चुके जीवों के लगभग 80 फीसदी अवशेष यहीं से बरामद किए गए हैं। प्रोजेक्ट से जुड़ी डॉ. लीना ग्रीगोरिएवा की मानें तो प्राचीनकाल में मौजूद जीवों के अवशेष लाखों-करोड़ों वर्षों तक धरती की सतह में संरक्षित रह सकते हैं।

हम संरक्षित अवशेषों से प्राप्त डीएनए का अध्ययन कर न सिर्फ विलुप्त जीवों की जैविक संरचना की गहरी समझ हासिल कर पाएंगे, बल्कि उनका क्लोन बनाने की दिशा में आगे भी बढ़ सकेंगे। याकुत्स्क रिसर्च सेंटर में सबसे पहले विशालकाय हाथी का क्लोन तैयार करने की कोशिश होगी।

इसे तैयार करने के लिए धरती की सतह से हाथी के डीएनए अवशेष निकाले जाएंगे फिर इन्हें मौजूदा समय के हाथी की त्वचा कोशिका से जोड़ा जाएगा। जिसके बाद नई त्वचा कोशिकाओं से स्टेम सेल तैयार कर मादा हाथी के अंडाणु में प्रतिरोपित किया जाएगा

फिर अंडाणुओं से तैयार भ्रूण को लैब में नियंत्रित वातावरण में कृत्रिम गर्भाशय में प्रतिरोपित किया जाएगा, उसी से होगा प्राचीनकालीन हाथी का जन्म। 59 लाख डॉलर (4130 लाख रुपये) की लागत से बनेगा यह क्लोन रिसर्च सेंटर।

Comments are closed.