आम्रपाली के 3000 करोड़ दूसरी जगह निवेश करने का होगा फॉरेंसिक ऑडिट

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेंसिक आडिटरों को आम्रपाली द्वारा घर खरीदारों के करीब 3000 करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश करने की जांच करने को कहा है। आरोप है कि आम्रपाली समूह ने अपनी सहायक कंपनियों के लिए ये शेयर खरीदे। समूह के सीएमडी अनिल शर्मा और निदेशक शिव प्रिया व अजय कुमार ने कोर्ट को खरीदारों के 1.55 करोड़ रुपये लौटा दिए हैं। शीर्ष अदालत ने कंपनी द्वारा कोर्ट में जमा कराए गए कई खातों की गहन पड़ताल की और पूछा कि उन्होंने किस आधार पर वित्त वर्ष 2015-16, 16-17 और 2017-18 के लिए खाते तैयार किए।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने फॉरेंसिक ऑडिटरों को उन फ्लैटों की संख्या का पता लगाने को कहा, जो आम्रपाली समूह द्वारा ‘बेनामी’ संपत्ति हैं या जिन्हें दो बार या मामूली कीमत पर बुक किया है। पीठ ने कर्ज वसूली ट्रिब्यूनल को आम्रपाली के ग्रेटर नोएडा स्थित 5 सितारा होटल टेक पार्क के मूल्यांकन करने और जनवरी के अंत तक उसे बेचने का निर्देश दिया। इससे पहले कोर्ट ने कंपनी के प्रमोटरों की लग्जरी कार और अन्य संपत्ति बेचने का आदेश दिया था।

पीठ ने आम्रपाली के निदेशकों के परिजनों को सब लीज की इजाजत देने पर सवाल उठाया और पूछा कि खरीदारों के 3000 करोड़ रुपये कहां गए। पीठ ने इसके संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर दो फॉरेंसिक ऑडिटर पवन कुमार अग्रवाल और रवि भाटिया का पता लगाने का कहा। पीठ ने ऑडिटरों से कहा कि समूह की नौ कंपनियों से संपदा निर्माण के नाम पर 2990 करोड़ से ज्यादा रुपये ले लिए गए और अपनी सहयोगी कंपनियों के लिए शेयर खरीदे गए। आपको पता लगाना है कि ये पैसे कहां गए और कितनी संपत्ति का निर्माण हुआ। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।

Comments are closed.