ईवीएम और वीवी पैट मशीन को हाईकोर्ट में चुनौती

जबलपुर। ईवीएम ईवीएम और वीवी पेट मशीनों की विश्वसनीयता को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को मप्र उच्च न्यायालय में दायर हुई। जिस पर मतगणना से पहले हो सकती है सुनवाई। अधिवक्ता अमिताभ गुप्ता ने यह याचिका दायर की। याचिका में मांग की गयी है की गई कि ईवीएम मशीन में डाली गयी हर एक वोट का मिलान वीवी पेट की पर्चियो से किया जाए न की केवल रेंडमली सिलेक्ट कर किसी एक मशीन की वोटो का मिलान वीवी पेट मशीन से किया जाए।

याचिका कर्ता ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग की नियमावली में दिए गए बिन्दुओं को आधार बनाते हुए कहा है की भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा जो नियमावली जारी की गयी है उसके क्रमांक १९ में कहा गया है की ट्रेकिंग सॉफ्ट वेयर के जरिये और मोबाइल एप्लिकेशन के जरिये ईवीएम और वीवी पेट मशीनों को मोबाइल फोन से कनेक्ट किया जा सकता है और यह मोबाइल एप्लिकेशन केवल तीन लोगो को ही डाउन लोड करने की अनुमति होगी जिसमे सेंट्रल इलेक्शन आफिसर डिस्ट्रिक इलेक्शन आफिसर और वेयर हाउस इंचार्ज शामिल होगा वहीं चैप्टर २३ में कहा जाता है कि ईवीएमऔर वीवी पेट कोई भी वायर लेस डिवाइस से कनेक्ट नहीं किया जा सकता यह एक बेहद गोपनीय डाटा मशीन है।

निर्वाचन आयोग के इन दोनों बिन्दुओ में आपस में बड़ा अंतर्द्वंद है। इसलिए उन्होंने याचिका में मांग की है की मतगणना के दौरान हर के ईवीएम में डाली गयी वोटो का मिलान वीवी पेट मशीन की पर्चियों से किया गया जिस से मतगणना पारदर्शिता के साथ हो सके और ईवीएमऔर वीवी पेट मशीनों का उपयोग जिस उद्देश्य से किया जा रहा है वो उद्देश्य सार्थक हो सके।

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