एफ पी आई क्षेत्र में रोजगार का सृजन

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र सहित पंजीकृत विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़े उद्योग के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) के माध्यम से और राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के माध्यम से अपंजीकृत / अनिगमित उद्यमों के लिए आंकड़े प्रकाशित किए जाते हैं । उद्योग के वार्षिक सर्वेक्षण 2018-19 के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में लगे व्यक्तियों की कुल संख्या में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को प्रथम स्थान दिया गया था। पिछले तीन वर्षों के लिए पंजीकृत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार का विवरण निम्नानुसार था;

क्र.सं. वर्ष रोजगार (आंकड़े लाख में)
1 2016-17 18.53
2 2017-18 19.33
3 2018-19 20.05

स्रोत- उद्योगों का वार्षिक सर्वेक्षण, एमओएसपीआई

इसके अलावा, एनएसएस के 73वें दौर (जुलाई 2015 से जून 2016) के अनुसार, 51.11 लाख व्यक्ति अनिगमित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में लगे हुए थे।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, प्रधान मंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) की विभिन्न घटक योजनाओं के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास और वृद्धि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। पीएमकेएसवाई के तहत दिनांक 31.1.2022 तक 582 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है। इन परियोजनाओं के लिए 3836.76 करोड़ रुपये की अनुदान सहायता अनुमोदित की गई है और 3544.62 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। पूरी हो चुकी परियोजनाओं के तहत 180.58 एलएमटी प्रसंस्करण/परिरक्षण क्षमता का सृजन किया गया है। मंत्रालय 2 लाख सूक्ष्म यूनिटों के उन्नयन/स्थापना के लिए वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन (पीएमएफएमई) योजना को भी कार्यान्वित करता है। पीएम-एफएमई योजना एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) के आधार पर कार्यान्वित की गई है। एक उत्पाद लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना कार्यान्वित की जा रही है जिसमें वैश्विक खाद्य चैंपियन बनाने के लिए बिक्री के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है। समुद्री उत्पादों, प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों, रेडी टु ईट/रेडी टु कुक उत्पादों जैसे बाजरा आधारित उत्पादों और मोज़ेरेला चीज़ जैसे उच्च विकास क्षमता वाले खाद्य उद्योगों की सहायता का प्रावधान है । जैविक/अभिनव उत्पादों के लिए लघु और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को वित्तीय सहायता भी दी जाती है। इस योजना में विदेशों में ब्रांडिंग और विपणन के लिए समर्थन का एक घटक है।

सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को आकर्षित करने के लिए स्वतचालित मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति देने के लिए एक उदार और पारदर्शी नीति बनाई है। इसके अलावा, भारत में निर्मित अथवा उत्पादित खाद्य उत्पादों के संबंध में ई-कॉमर्स सहित व्यापार के लिए सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत 100% एफडीआई की अनुमति है।

यह जानकारी आज खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक लिखित उत्तर में राज्यसभा में दी।

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