कोरोना के कारण जा सकती है 52 फीसदी नौकरियों : भारतीय उद्योग परिसंघ

न्यूज़ डेस्क : महामारी कोरोना वायरस के सामुदायिक प्रसार को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए 21 दिवसीय लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक सर्वेक्षण में 52 फीसदी नौकरियों के जाने का अंदेशा जताया गया है।

 

सीआईआई के करीब 200 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के बीच किए गए ऑनलाइन सर्वेक्षण ‘सीआईआई सीईओ स्नैप पोल’ के मुताबिक मांग में कमी से ज्यादातर कंपनियों की आय में कमी आई है। इससे नौकरियां जाने का अंदेशा है। सर्वेक्षण के अनुसार, चालू तिमाही (अप्रैल-जून) और पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान अधिकांश कंपनियों की आय में 10 प्रतिशत से अधिक की कमी आने की आशंका है।

घरेलू कंपनियों की आय और लाभ दोनों में इस तेज गिरावट का असर देश की आर्थिक वृद्धि दर पर भी पड़ेगा। 52 प्रतिशत तक नौकरियां कम हो सकती हैं। 47 प्रतिशत कंपनियों में 15 प्रतिशत से कम नौकरियां जाने की आशंका है।

 

उद्योगों के संचालन पर गहरा असर : 80 फीसदी कंपनियों ने दावा किया है कि मौजूदा वक्त में उनका सामान या इनवेंटरी ऐसे ही पड़ा हुआ है। हालांकि 40 फीसदी से अधिक कंपनियों ने उम्मीद जताई है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उनका स्टॉक एक महीने के लिए पर्याप्त है जोकि यह दिखाता है कि लॉकडाउन के बाद भी मांग में मंदी रहेगी।

सीआईआई के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी का कहना है कि सरकार इंडस्ट्री के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा कर सकती है और इसे फास्ट ट्रैक मोड पर लागू किया जा सकता है क्योंकि लॉकडाउन को अचानक लागू किए जाने से उद्योगों के संचालन पर गहरा असर पड़ा है।

 

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