कोरोना : 12 लाख यात्रियों ने 12 दिनों मे किया 85 करोड़ का रेल टिकट रद्द

न्यूज़ डेस्क : देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में दिनों दिन बढ़ोतरी हो रही है। अभी तक देश में कोरोना वायरस के 84 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं इस जानलेवा वायरस से दो लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना का असर अर्थव्यस्था के हर एक विभाग पर देखने को मिल रहा है। 

 

कोरोना वायरस के चलते सभी यातायात साधनों में यात्रियों की कमी देखी जा रही है, फिर चाहे वो रेल यातायात हो या बस। लोगों में कोरोना वायरस का डर इस कदर बढ़ रहा है कि वह रेल टिकटों को रद्द करा रहे हैं और बसों, मेट्रो जैसे सार्वजनिक वाहनों के प्रयोग करने से बच रहे है। 

 

दिल्ली यात्री आरक्षण प्रणाली से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एक से 12 मार्च के बीच, 12.29 लाख यात्रियों ने रेल यात्रा रद्द की है। टिकटों के रद्द होने से रेलवे को 85.03 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। 

 

वहीं, मार्च में इस अवधि में 7.25 लाख लोगों ने टिकट रद्द करवाए थे। अगर फरवरी और मार्च महीने के टिकट रद्द कराने की तुलना की जाए तो पता चलता है कि मार्च महीने में रेलवे के 5.04 लाख यात्री घटे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी है कि अगर इसी तरह चलता रहा तो रेलवे के नुकसान में बढ़ोतरी हो सकती है। 

 

ऐसा नहीं है कि रेल बुकिंग में गिरावट केवल रेलवे काउंटरों और ऑनलाइन माध्यमों में हुई है। भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जाने वाले पांच पीआरएसओं में भी गिरावट देखी जा सकती है। भारतीय रेलवे में दिल्ली, मुंबई, सिकंदराबाद, गोवाहटी, कोलकता पांच यात्री आरक्षण प्रणाली यात्री (पीआरएस) हैं। इन पीआरएस से कहीं की भी टिकट बुक की जा सकती है। भारतीय रेलवे रोजाना 20 हजार ट्रेन चलाता है। रेलवे का सालाना राजस्व 1.97 लाख करोड़ है। मगर अब इसमें कमी आने की आशंका है।

दूसरी ओर, घाटे को देखते हुए रेलवे ने भी सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं। रेल वार्डों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही कर्मचारियों से भी सतर्कता बरतने को कहा गया है। 

 

पर्यटन उद्योग पर भी कोरोना वायरस का असर :

कोरोना वायरस का प्रभाव पर्यटन उद्योग पर भी पड़ सकता है। सरकार द्वारा इस वायरस से निपटने के लिए कई देशों के नागरिकों के आगमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे आशंका जताई जा रही है पर्यटन उद्योग को 18 अरब रुपये का नुकसान हो सकता है। 

आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में मार्च और अप्रैल महीने में लगभग डेढ़ लाख से अधिक विदेशी पर्यटक आते हैं। लेकिन सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के चलते इसमें कमी देखी जा सकती है। एक लाख से अधिक पर्यटकों ने फरवरी में अपनी दिल्ली यात्रा को रद्द किया। पर्यटकों के नहीं आने से गेस्ट हाउस और होटल सुनसान नजर आ रहे हैं। 

गौरतलब हो कि ईस्टर पर्व पर जर्मनी, लंदन, स्पेन, फ्रांस सहित यूरोप के तमाम छोटे-बड़े देशों से बड़ी तादाद में पर्यटक भारत का रूख करते हैं। लेकिन सरकार द्वारा लगाई गई रोक से इस अवधि में आने वाले डेढ़ लाख से अधिक पर्यटकों को अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ेगी। अनुमान के मुताबिक, आने वाले दिनों में 70 फीसदी से अधिक गेस्ट हाउस खाली हो जाएंगे। 

 

यात्रा समय में गिरावट : 

कोरोना वायरस के डर से कई कंपनियों द्वारा घरों से काम करने के निर्देश देने और लोगों द्वारा घरों से बाहर नहीं निकलने के कारण सड़कों पर वाहनों की संख्या में कमी आई है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक, डीएनडी, आश्रम चौक, नोएडा लिंक रोड पर यात्रा के समय में 15 तक की कमी देखी गई है। यानि जिस सफर को पूरा करने में एक घंटा लगता था, वह अब 45 मिनट में पूरा हो रहा है।

एनसीआर से दिल्ली आने वालों यात्रियों की संख्या में कमी :
वहीं, कोरोना के डर से एनसीआर से मेट्रो द्वारा दिल्ली आने वाले यात्रियों की संख्या में मामूली गिरावट दर्ज की गई है। लोग सार्वजनिक वाहनों के मुकाबले निजी वाहनों में यात्रा करने को तरजीह दे रहे हैं।

 

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