CASE STUDY–इंजीनियरिंग की खाली सीटें सता रही, सात राउंड तक काउंसलिंगl

वर्ष 2016 में इंजीनियरिंग की नौ लाख वर्ष 2015 में 8.75 लाख सीटें खाली, पिछले साल आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी की ज्वाइंट काउंसलिंग भी हुई।
 वर्ष 2016 में देशभर के इंजीनियरिंग संस्थानों में नौ लाख सीटें खाली रह गई थी। वर्ष 2015 में करीब 8.75 लाख सीटें खाली रह गई थी। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद(एआईसीटीई) के अनुसार वर्ष 2015-16 के दौराल कुल 3073 कॉलेजों में 16.94 लाख इंजीनियरिंग सीटें मंजूर की गई थी लेकिन इनमें से महज 8.19 लाख सीटें ही भर पाई जबकि 8.75 लाख सीटें खाली रह गई। आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि हर साल देश के टॉप कॉलेज में कई सीटें खाली रह रही है। इसे देखते हुए इस बार सीटें भरने के लिए सात राउंड तक काउंसलिंग होना माना जा रहा है। दरअसल आईआईटी, एनआईटी और ट्रिपल आईटी में जगह पाने के लिए स्टूडेंट कई साल की मेहनत करते हैं लेकिन उन्हें सीट नहीं मिल पाती है। जबकि इन संस्थानों में हर साल हजारों सीटें खाली रह जाती हैं। इस समस्या को देखते हुए इस बार से एक भी सीटें खाली नहीं जाने दी जाएगी। भले ही अंत में कम स्कोर वालों को सीटें क्यों नहीं देनी पड़े। पिछले साल आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी की ज्वाइंट काउंसलिंग हुई थी। इसमें सीटें भरने की दर पहले से बेहतर रही। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद तीनों जगह मिलाकर करीब तीन हजार सीटें खाली रह गई थी। 
15 जुलाई तक काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी l 
सूत्रों की माने तो नए शैक्षणिक सत्र में काउंसलिंग के सात दौर होंगे। अभी तक पांच राउंड हो रहे थे। सातवां राउंड स्पॉट राउंड होगा, जिसमेें मौके पर ही उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाएगा। एक्सपर्ट विजेंद्र सोगानी ने बताया स्पॉट राउंड में कोई भी उम्मीदवार हिस्सा ले सकता है, जिसने परीक्षा पास की है। भले ही उसकी रैंकिंग बहुत पीछे ही क्यों नहीं हो। यानि अंतिम समय में उन स्टूडेंट के लिए एडमिशन के मौके होंगे, जो सीटों की संख्या के हिसाब से मेरिट में स्थान नहीं पा रहे हों। काउंसलिंग की प्रक्रिया को 15 जुलाई तक पूरा किया जाएगा। एडमिशन के लिए ज्यादा राउंड की काउंसलिंग और स्पॉट काउंसलिंग से यह समस्या हल होने की उम्मीद है।
आईआईटी मेें 67 सीटें खाली
देशभर के 22 आईआईटी में भी यही स्थिति देखने को मिली। यहां 2016 में 67 सीटें खाली रह गई थी। 
एनआईटी 1509 सीटें नहीं भरी
पिछले साल देशभर के 31 एनआईटी में करीब 1509 सीटें खाली रह गई थी। सीटें खाली न रहे इसके लिए जोसा ने चार के बदले छह राउंड तक काउंसलिंग करवाई थी। 
एक नजर
-सातवें राउंड में ऑन स्पॉट प्रवेश का विकल्प मिलेगा
-कम स्कोर लाने वाले स्टूडेंट को भी मिल सकेगा प्रवेश
-तीन हजार सीटें खाली रहने के बाद उठाया गया कदम
महत्वपूर्ण
-3500 के करीब देश में मौजूद इंजीनियरिंग संस्थानों में 16 लाख सीटें
-8 लाख के करीब सीटें खाली रह जाती हैं
स्त्रोत: एआईसीटीई के 2016 के आंकड़े
सीटों पर एक नजर
-10,572 कुल सीटें है 22 आईआईटी में
-18,013 सीटें देशभर के 31 एनआईटी में
-2,526 सीटें है 20 ट्रिपल आईटी में
3,784 सीटें है 18 जीएफटी आई में
देशभर में खाली सीटों का हाल
वर्ष 2015 2016
एनआईटी 1541 1509
आईआईटी 32 67
ट्रिपल आईटी — 407
जीएफटीआई —1174

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