पार्टी की मान्य परंपराओं को राम-राम कर सकते हैं सीताराम?

ख्वाहिशों के उखड़ते तंबुओं में तेरा अक्स नज़र आता है

गैरों के उलाहनों में जब कभी भी मेरा जिक्र आता है’

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी का बिहार से राज्यसभा में जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यूं तो अप्रैल और मई माह में राज्यसभा की कई सीटें खाली हो रही है, इसमें अकेले बिहार से राज्यसभा की 6 सीटें रिक्त हो रही हैं। इनमें से 2 सीट राजद के, 2 भाजपा व 1 जदयू के हिस्से आने वाली है। बाकी बची छठी सीट पर राजद, जदयू और कांग्रेस मिल-जुल कर येचुरी की ताजपोशी करना चाहती हैं। इन तीनों दलों का साफ तौर पर मानना है कि ’विजयी एका के आसमान पर येचुरी उसी धूमकेतु के मानिंद चमक सकते हैं, जैसा करिश्मा कभी माकपा नेता हरकिशन सिंह सुरजीत ने कर दिखाया था।’ ये तीनों दल चाहते हैं कि येचुरी विपक्षी एका का नया मंच तैयार करने में अपनी महती भूमिका निभाएं, जदयू चाहता है कि ’येचुरी नीतीश कुमार के दिल्ली की राजनीति के लिए नई पटकथा लिखें।’ वैसे तो येचुरी केरल से भी राज्यसभा में आ सकते हैं, जहां पेन्नाराई विजयन के नेतृत्व में मार्क्सवादियों की सरकार है। पर पूर्व माकपा महासचिव प्रकाश कारत इस बात के लिए तैयार नहीं बताए जाते, वैसे भी माकपा की मान्य परंपरा है कि ’पार्टी का कोई भी नेता दो बार से ज्यादा राज्यसभा में नहीं रह सकता,’ येचुरी राज्यसभा में अपना दो टर्म पूरा कर चुके हैं, यानी वे इस बार एक बार फिर से ऊपरी सदन में पहुंचते हैं तो यह पार्टी की मान्य परंपरा का हनन होगा।

अखिलेश की मुश्किलें बढ़ सकती है

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को घेरने के लिए केंद्र में सत्तारूढ़ दल ने नई गोटियां बिछा दी हैं। पूर्व में राउज एवेन्यू स्थित सीबीआई कोर्ट में याचिकाकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने अर्जी लगाई थी, जिसमें कहा गया था कि मुलायम परिवार की आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई ने कोई ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल नहीं की है। 2009 में मुलायम परिवार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में दाखिल एफआईआर को लेकर मीडिया के एक वर्ग ने दावा किया था कि इस मामले में सीबीआई ने अदालत में अपनी ‘क्लोजर रिपोर्ट’ लगा कर जांच बंद कर दी है। सूत्र बताते हैं कि दीपक चौरसिया और राजदीप सरदेसाई जैसे टीवी सूरमाओं से भी पूछताछ हुई है कि ’उनके पास यह फर्जी रिपोर्ट कहां से आई।’ तो पत्रकारों ने उन्हें बताया कि ’उन्हें यह रिपोर्ट किसी ने बंद लिफाफे में भेजी थी।’ अब पत्रकारों से उनके सोर्स के बारे में पूछताछ हो सकती है। कोर्ट ने भी सीबीआई से सख्ती से यह पता करने को कहा है कि ’वे इस बात का पता करें कि इन जाली दस्तावेजों को बनाने और इसे मीडिया तक पहुंचाने की साजिश में कौन-कौन लोग शामिल हैं,’ कोर्ट ने सीबीआई को 24 मार्च तक सप्लीमेंट्री रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। यानी मुलायम परिवार के आय से अधिक संपत्ति मामले का जिन्न बोतल से बाहर आ चुका है, यही बात है जिससे अखिलेश की पेशानी पर बल आ रहे हैं।

मालिनी और कुमार पर योगी की मेहरबानी

यूपी में संगठन और सरकार में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं, योगी 5 प्रबुद्द लोगों को मनोनीत श्रेणी से एमएलसी बनाना चाहते हैं, बाद में इनमें से कुछ को वे अपनी सरकार में मंत्री भी बना सकते हैं। योगी की सूची में पहला नाम लोक गायिका मालिनी अवस्थी का है, फिर कवि कुमार विश्वास का, नृपेंद्र मिश्र के पुत्र साकेत मिश्र और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ट्रस्ट के अध्यक्ष भी उनकी इस पसंदीदा लिस्ट में शामिल हैं। कुमार विश्वास से कहा गया है कि ’वे इस छोटी सीढ़ी से सियासी सफर की शुरूआत करें, बाद में उन्हें राज्य सरकार में मंत्री बना दिया जाएगा।’ पर कुमार विश्वास इतनी छोटी सीढ़ी से अपना डग भरने को तैयार नहीं बताए जाते, उनका कहना है कि ’कम से कम राज्यसभा तो भेजो।’ मालिनी अवस्थी पिछले दिनों एक चैनल मालिक पत्रकार के मार्फत अमित शाह से मिली थीं, पर कहते हैं बात बनी नहीं, क्योंकि मालिनी के बात करने का अंदाज शाह को भाया नहीं, मालिनी कह रही थीं कि ’उनके पति अवनीश अवस्थी को सेवा विस्तार देने से सिर्फ इसीलिए मना कर दिया गया क्योंकि उनके विरोधियों ने भाजपा शीर्ष के कान भर दिए, जबकि उनके परिवार की भाजपा से वफादारी किसी से छुपी नहीं।’ पर शाह ने बहुत जल्द मालिनी को बाहर कर दरवाजा दिखा दिया।

आना येदुरप्पा का

पिछले दिनों दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आहूत थी। प्रधानमंत्री मोदी मंचासीन थे, आगे की पंक्ति में पार्टी के तमाम सीनियर नेता विराजमान थे। तब तक हॉल में कर्नाटक भाजपा के सीनियर नेता बीएस येदुरप्पा की एंट्री होती है, येदुरप्पा ने घूम कर देखा सारी कुर्सियां भरी हुई थीं, वे बैठे तो कहां? तभी पीएम ने उन्हें इस धर्मसंकट से उबार लिया, पीएम के मुंह से बस निकला-’पीयूष…’ और पीयूष गोयल ने येदुरप्पा के लिए अपनी आगे की पंक्ति की कुर्सी छोड़ दी और वे पीछे जाकर चुपचाप बैठ गए।

 

मोदी के रोड शो में जेबकतरों की चांदी

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मौके पर पीएम मोदी ने अपना मेगा रोड शो दिल्ली में किया। इस रोड शो में इस कदर भीड़ उमड़ी, धक्का मुक्की हुई कि दर्जनों लोगों की जेबें कट गईं, कितने मोबाइल चोरी हो गए, एक फोटो पत्रकार का तो इतना महंगा लेंस चोरी चला गया, जिसकी कीमत दो लाख रुपयों से भी ज्यादा बताई जाती है। पुलिस के पास तो 18 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हो गए। इससे दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल उठे, सवाल तो पीएम के रोड शो के टाइमिंग को लेकर भी उठे, पर पत्रकारों को बता दिया गया कि ’पीएम के रोड शो का राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से कोई लेना देना नहीं, पीएम ने तो दिल्ली भाजपा की सलाह पर यह रोड शो किया था।’

 

राहुल की खड़ाऊं व खड़गे

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे राहुल गांधी की खड़ाऊं उठाए हर जगह उनकी यात्रा में साथ-साथ चल रहे हैं। यात्रा के दौरान उनसे राहुल जो कुछ भी कहते हैं उनकी गर्दन बस ’हां’ में ही हिलती है। प्रियंका गांधी इन दिनों खड़गे के गृह राज्य कर्नाटक की यात्रा पर हैं, पर खड़गे राहुल की पंजाब यात्रा में उनके साथ दिख रहे थे। राहुल गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी के चुनाव के लिए अड़े हैं, सो अब पार्टी में यह राय बनी है कि ’राहुल वर्किंग कमेटी में चुनाव लड़ कर आएंगे,’ वहीं प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष इसके लिए मनोनीत करेंगे।

 

यह क्या हो रहा है

नैतिकता और शुचिता की दुहाई देने वाली पार्टी में यह क्या हो रहा है? भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन पर एक महिला ने रेप के आरोप लगाए हैं और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। हुसैन के तरफ से बड़े वकीलों की एक लंबी फौज मुस्तैद है। शाहनवाज के वकीलों ने जब कोर्ट में कहा कि ’यह मामला झूठा है’ तो अदालत ने कहा-’जांच तो होने दीजिए, सच सामने आ जाएगा।’ फिर हरियाणा की भाजपा सरकार के खेल मंत्री संदीप सिंह पर एक महिला कोच ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। संदीप सिंह को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। अब कैसरगंज के बाहुबली भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ भारत की नामचीन महिला पहलवानों ने मोर्चा खोल दिया है, सिंह भारतीय कुश्ती फेडरेशन के चैयरमेन भी हैं, ये अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पहलवान नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना पर बैठे हैं उन्होंने सिंह पर भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। यह भाजपा शीर्ष के लिए वाकई धर्मसंकट का समय है।

और अंत में

भाजपा संगठन और केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की आहटों के बीच गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को कुछ बड़ा मिलने जा रहा है। पीएम ने गुजरात चुनाव के नतीजों से गद्गद् होकर पहले संसदीय सौंध में, फिर जिमखाना क्लब में सांसदों के भोजन पर और फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पाटिल की तारीफों के पुल बांधे हैं। या तो पाटिल को संगठन में महासचिव बना कर यूपी का प्रभार दिया जा सकता है या फिर उन्हें केंद्र में मंत्री बना कर यूपी प्रभारी की दोहरी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। एक लंबे समय से निर्वासन की पीड़ा झेल रहे दिनेश शर्मा को फिर से गुजरात भेजा सकता है। 

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