बॉलीवुड और टेलीविजन टपोरी, जिन्‍होंने दर्शकों का दिल जीता

पिछले कई सालों में हमने बॉलीवुड को कई तरह के टपोरियों और गुंडों से हमारी मुलाकात करवाते हुए देखा है, जिन्‍होंने हमारे दिमाग में एक खास तरह की छवि बनायी है। हालांकि, सभी टपोरी गैंगस्‍टर या बदमाश नहीं होते हैं। यह भूमिका निभाना आसान नहीं होता है, जबकि कुछ जाने-माने सितारों ने इस तरह का किरदार निभाया है और वह भी अपने बदले हुए लुक और बेहद ही प्रभावी अंदाज के साथ। यहां फिल्‍म और टेलीविजन इंडस्‍ट्री के कुछ टपोरियों के बारे में बताया गया है जिन्‍होंने अपने अभिनय और अच्‍छे कामों से दर्शकों को लुभाया है।

 

संजय दत्‍त- ‘मुन्‍ना भाई एमबीबीएस’

जब भी हम गुंडों या टपोरियों की बात करते हैं तो सबसे पहले हमारे दिमाग में ‘मुन्‍ना भाई एमबीबीएस’ के संजय दत्‍त का ख्‍याल आता है। इस कॉमेडी ड्रामा में संजय दत्‍त ने अपने कमाल के मुंबइया लहजे में मुन्‍ना भाई की भूमिका निभायी थी और उनका पहनावा भी उनके अंदाज पर जंच रहा था। गांधीगिरी अपना कर, वह अपने बड़े ही अनोखे अंदाज में समस्‍याओं को सुलझाता है।

 

आमिर खान- ‘रंगीला’

मिस्‍टर परफेक्‍शनिस्‍ट ने ‘रंगीला’ में अपने कमाल के अभिनय से दर्शकों को प्रभावित कर दिया था। इस ब्‍लॉकबस्‍टर फिल्‍म में आमिर खान ने सड़क पर रहने वाले एक अनाथ, मुन्‍ना की भूमिका निभायी थी, जिसकी बचपन से ही एक अमीर लड़की मिली से दोस्‍ती रहती है। आमिर ने टपोरी की इस भूमिका को अपने अभिनय, कपड़ों और बोलने के अपने अंदाज से बखूबी निभाया था। उसका सपना मुंबई फिल्‍म इंडस्‍ट्री में काम करने का होता है लेकिन अंत फिल्‍म की टिकटें ब्‍लैक में बेचने से होती है।

 

शाहरुख खान- ‘जोश’

‘अपुन बोला तू मेरी लैला’ गाने को गुनगुनाते हुए हम ‘जोश’ फिल्‍म में शाहरुख के शानदार टपोरी वाले किरदार को नहीं भूल सकते। उन्‍होंने अपने बोलने के तरीके से हम सबको को दीवना बना दिया था, उनका वह शानदार चश्‍मा और उनका पूरा लुक ही मैक्‍स के उनके किरदार को और भी वास्‍तविक बनाता है। जोकि ईगल्‍स गैंग का लीडर रहता है।

 

श्रेयस तलपड़े- ‘माय नेम इज़ लखन’

श्रेयस तलपड़े सोनी सब पर अपने आगामी शो ‘माय नेम इज़ लखन’ के साथ टपोरियों की इस गाड़ी में सवार होने वाले हैं। टेलीविजन डेब्‍यू कर रहे, श्रेयस एक टपोरी लखन की भूमिका निभा रहे हैं। वह लकी भाई के नाम से काम करता है। हालांकि, उसके जीवन में घटी एक घटना की वजह से जीवन को देखने का उसका नजरिया बदल जाता है और वह अच्‍छे काम को करने का अपना तरीका ढूंढ लेता है।

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