एग्जिट पोल से पहले हुई बैठक में सरकार पर आक्रामक दिखा विपक्ष

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र से शुरु होने से पहले ही सरकार और विपक्षी दलों में गुजरात चुनाव की तल्खी साफ दिखी। हालांकि यह बैठक एग्जिट पोल आने से पहले की थी। जिसमें कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष सरकार के खिलाफ पूरी तरह से आक्रामक दिखा। इस दौरान विपक्ष में जहां शीतकालीन सत्र को छोटा करने को सरकार को घेरा, वहीं जीएसटी, डोकलाम और पाकिस्तान के मुद्दे पर भी सरकार के सामने अपने तीखे तेवर दिखाए।

बैठक में तीन तलाक, ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों पर भी गरमागरम चर्चा हुई। संसद के शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले गुरुवार को सरकार की ओर से विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में जिन विषयों पर लंबी चर्चा हुई, उनमें सत्र को अवधि को छोटा करने का मुद्दा सबसे अहम था। कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को पहले भी घेर चुकी है। बैठक में गुजरात चुनाव की भी छाया दिखी। इस दौरान पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर एक-दूसरे पर बोले गए हमलें का असर भी साफ तौर पर दिखा।

कांग्रेस ने इन मुद्दों पर जहां सरकार से सफाई देने को कहा, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी दलों से संसद के ठीक तरके से चलने में सहयोग देने को कहा। बैठक में कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों के प्रमुख नेता मौजूद थे। इस बैठक से पहले विपक्षी दलों के नेताओं ने कांग्रेस नेता गुलाम नवी आजाद के साथ एक बैठक की, जिसमें शुक्रवार से शुरु हो रहे संसद सत्र की रणनीति को लेकर चर्चा की है।

संसद को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी सभी दलों ने नेताओं के साथ एक बैठक की है। जिसमें संसद सत्र के दौरान किए जाने वाले प्रमुख काम-काज को लेकर चर्चा की। स्पीकर ने सभी दलों से सहयोग मांगते हुए कहा कि पहले की तरह वह कार्रवाई को चलने में सहयोग दें। हालांकि विपक्ष के रुख को देखते हुए इस बात की उम्मीद कम ही है कि वह संसद को शांतिपूर्ण तरीके से चलने देगी। सत्र शुरु होने से पहले से ही कांग्रेस ने ऐसे संकेत दिए है।

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