अब जीएसटी रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड दोनो तरह के ग्राहक रहेंगे लिस्ट में

अब जीएसटी रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड दोनो तरह के ग्राहक रहेंगे लिस्ट में
 बाजार में जीएसटी से संबंधित कई छोटी-छोटी बातों को लेकर संशय चल रहा है। रोज माल विक्रय करना है और ग्राहक को बिल देना है। नियमानुसार 200 से कम का बिल है तो बिल काटना या नहीं काटना ये आपकी और ग्राहक की इच्छा पर है। सीए भरत नीमा ने बताया अब ग्राहकों की लिस्ट में जीएसटी रजिस्टर्ड और अनरजिस्टर्ड दोनों तरह के ग्राहक रहेंगे। इनमें भी वे अलग हो जाएंगे जो ई-वे बिल के माध्यम से माल ले जाएंगे। ई-वेबिल पोर्टल से जनरेट होगा तो ऑटोमेटिक बिल की एंट्री ई-वेबिल के माध्यम से हो जाएगी। जहां ई-वेबिल की आवश्यकता है वहीं पर आपको इनवाइस की डिटेल हाथो-हाथ पोर्टल पर डालने की आवश्यकता पड़ेगी। बाकि बिल जो आपने रजिस्टर्ड व्यक्ति को बेचा है और ई-वेबिल की आवश्यकता से कम राशि का विक्रय है तो आपको उसकी समरी बिल वाइज, रेट वाइज माह के अंत में बनाना है और एक साथ अपलोड करना है। आगे यदि माल आपने अनरजिस्टर्ड को बेचा है तो आपको इन बिलों की टोटल लगाकर पोर्टल पर डालना है। क्योंकि इसकी किसी भी व्यक्ति को इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं लेना है। रिवर्स चार्ज के अंतर्गत माल किसी अनरजिस्टर्ड व्यक्ति से खरीदा है तो उसकी डिटेल भी जीएसटीआर-01 में अगले माह की 10 तारीख तक रेट वाइज समरी बनाकर डालना है। अब सभी प्रकार के खरीददारों के हिसाब से अलग-अलग बिल बुक रख लेना चाहिए जैसे-
रजिस्टर्ड को विक्रय किया
-अनरजिस्टर्ड को विक्रय किया
-ई-वेबिल की जरुरत वाले को बिक्री किया
-खरीदी बिल जो रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत आती है।

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